वैदिक वैश्विक मौसमपूर्वानुमान: जुलाई - 2020
वर्षा -
जुलाई के महीने में एक ओर वर्षा और बाढ़ की संभावनाएँ अधिक हैं विश्व के अधिकाँश भाग में वर्षा की मात्रा सामान्य से अधिक रहेगी !वर्षा के साथ साथ बज्रपात एवं बाढ़ आदि हिंसक घटनाओं के घटित होने संभावना अधिक है 5 से 11 जुलाई के बीच के समय में अधिकाँश देशों प्रदेशों में वर्षा की संभावना अधिक है |
4,6 ,7 ,8 ,9,6 ,10,11,16,17जुलाई को विश्व के अधिकाँश देशों में वर्षा और बाढ़ जैसी घटनाएँ घटित होंगी |
19 जुलाई से 26 जुलाई के बीच विश्व के अनेकों देश अधिक वर्षा से प्रभावित होंगे |
19 से 23 जुलाई तक अधिकाँश विश्व के आकाश में काले काले अत्यंत भयंकर घनघोर बादलों की घटाएँ उठेंगी और अधिक वर्षा बज्रपात आदि की संभावना है |
20, 21,26 जुलाई को विश्व के अधिकाँश देशों में अधिक वर्षा होगी !
22,23,24जुलाई को अधिकवर्षा और बाढ़ आदि कीघटनाएँ घटित होंगी |
विशेष बात :
1 से 8 जुलाई तक भारत के उत्तर पश्चिम दिशा के मध्यवर्ती देशों में वर्षा कम होगी !
आँधीतूफ़ान -
जुलाई के महीने में 1 से 23 जुलाई तक वायु का वेग अधिक रहेगा कई क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं |
1 से 3 जुलाई एवं 12 से 16 जुलाई तथा 27 से 31 जुलाई तक कुछ देशों में हिंसक आँधी तूफ़ान या चक्रवात जैसी घटनाएँ घटित होने की प्रबल संभावना है |
तापमान एवं आग लगने की घटनाएँ -
जुलाई महीने की 4,12,13,18 तारीखों में गर्मी अधिक होगी कई जगहों पर आग लगने की संभावना भी है | 21 से 31 जुलाई तक विशेषकर भारत से दक्षिण दिशा में पड़ने देशों प्रदेशों में गर्मी का प्रभाव विशेष अधिक रहेगा ! इस हुमस वाली गर्मी के कारण गर्मी से सम्बंधित एवं त्वचा संबंधी रोग पनपेंगे !इन दिनों में आग लगने की घटनाएँ भी अधिक घटित होंगी | इसमें भी 26 और 27 जुलाई को कुछ क्षेत्रों में अधिक गर्मी बढ़ेगी एवं आग लगने की विशेष अधिक घटित होंगी |
तनाव -
1से 3 जुलाई तक एवं 26 से 31 जुलाई तक तनाव का समय है !इसमें अधिकाँश लोगों की मानसिक बेचैनी बढ़ेगी जिससे कुछ घरों,समुदायों संप्रदायों एवं देशों की मानसिकता तनाव पूर्ण एवं कलह प्रिय होगी !जिन्हें पहले से कोई तनाव चला आ रहा है उनकी इस समय अधिक बेचैनी बढ़ेगी , अन्य लोगों या परिवारों को ऐसे समय का विशेष अनुभव नहीं होगा | ऐसे समय में संयम एवं सहनशीलता पूर्वक पारिवारिक विवादों को बढ़ने से रोका जा सकता है |
उत्पात -
1 से 4 जुलाई एवं 11 से 15 जुलाई तथा 26 से 31 जुलाई तक के बीच प्रकृति में बेचैनी रहेगी जिसका प्रभाव पृथ्वी की गहराई से लेकर आकाश की ऊँचाई तक होते देखा जाता है | इस समय के प्रभाव से पृथ्वी के अंदर भूकंप जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जाती हैं एवं आकाश में विमान दुर्घटना बड़े तूफान बज्रपात एवं ओले गिरने जैसी दुखद घटनाएँ घटित हो सकती हैं | इसके अतिरिक्त आंदोलन,वाहन दुर्घटना, बसों का खाई में गिरना,समाज में उन्माद या दंगा फैलाना,बम विस्फोट आदि आतंकी उपद्रव एवं देशों की सीमाओं पर तनाव बढ़ने जैसी घटनाओं के रूप में भी इसका प्रभाव पृथ्वी पर देखा जाता है |ऐसे समय में लोगों के चिंतन में उन्माद की मात्राअन्य समय की अपेक्षा अधिक बढ़ते देखी जाती है |भूकंप,बज्रपात, आंदोलन, उन्माद , संघर्ष, आतंकवादी घटनाएँ, विमानदुर्घटनाएँ, वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,देश की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी आदि से संबंधित घटनाओं के घटित होने की संभावनाएँ बनते देखी जाती हैं |