कोरोना :प्राकृतिक है या कृत्रिम (Man Made) ?

Category: Nature
Published: Sunday, 21 March 2021
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

             क्या वैक्सीन लगने के पहले वाला कोरोना प्राकृतिक था और बाद वाला कृत्रिम !

  कोरोना को ठीक ठीक समझे बिना वैक्सीन आदि कोई भी औषधि कैसे बनाई जा सकती है ? चिकित्सा सिद्धांत के अनुसार सामान्य रोगों में ऐसा देखा जाता है कि किसी रोगी की चिकित्सा करने से पूर्व सबसे पहले रोग और रोगी को ठीक ठीक समझना होता है उस समझ के आधार पर ही रोग एवं

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मौसमविज्ञान :शरीरविज्ञान : मनोविज्ञान: संबंधविज्ञान: आकृतिविज्ञान

Category: Nature
Published: Monday, 19 November 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

     मौसमविज्ञान के माध्यम से जिस प्रकार से प्रकृति का अध्ययन करके प्रकृति संबंधी घटनाओं(वर्षा,बाढ़,आँधी-तूफान आदि) का पूर्वानुमान लगा लिया जाता है इसी प्रकार से 'शरीरविज्ञान' के द्वारा शरीरों में रोग चोट आदि लगने न लगने के विषय में पूर्वानुमान लगाना संभव है! ऐसे ही 'मनोविज्ञान' के द्वारा मन संबंधी घटनाओं (भय,चिंता,निराशा आदि) का पूर्वानुमान लगाया जाना चाहिए !
      'संबंधविज्ञान' के माध्यम से इस बात का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि किस व्यक्ति का स्वभाव कैसा है और उसका किस व्यक्ति के साथ कैसा संबंध रहेगा !
      'आकृतिविज्ञान' के द्वारा प्रकृति से लेकर प्राणियों तक सभी की आकृतियों के आधार पर उसके भविष्य के विषय में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है !
       'समयविज्ञान' के माध्यम से प्रकृति से लेकर प्राणियों तक का अध्ययन करके इस बात का पूर्वानुमान लगाया  जा सकता है कि प्रकृति में ,प्राणियों में और उनके स्वभावों में किस वर्ष कितने समय के लिए किस विषय से सम्बंधित क्या घटित होगा ? 

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मौसम की तरह ही जीवन से संबंधित घटनाओं समस्याओं रोगों मनोरोगों आदि का भी लगाया जा सकता है पूर्वानुमान !

Category: Nature
Published: Monday, 19 November 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

    समयविज्ञान के द्वारा लगाया जा सकता है प्रकृति और जीवन में घटित

होनेवाली सभीप्रकार की घटनाओं का पूर्वानुमान !
      यह सबसे बड़ा विज्ञान है विश्व का सारा विज्ञान समयविज्ञान के आधीन है !विज्ञान के आधीन होकर वैज्ञानिक लोग अनुसंधान करने के लिए केवल प्रयास ही तो कर सकते हैं किंतु रिसर्च का वह  प्रयास सफल ही होगा ऐसा निश्चय कोई कैसे कर सकता है इस विषय का निर्णय समय के आधीन होता है जिसका पूर्वानुमान केवल समयविज्ञान के द्वारा ही लगाया जा सकता है !
    संसार में जो कुछ हो चुका है ,जो कुछ हो रहा है या जो कुछ होगा ! ये सभी कुछ समय के आधीन है !प्रकृति और मनुष्य आदि सभी जीव जंतुओं का जीवन साथ साथ चल रहा है जब प्रकृति पीड़ित और परेशान होती है तब जीवन भी परेशान होता है !प्राकृतिक आपदाओं की तरह ही प्राणियों के में रोग रूप में घटित होते हैं!  

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प्राकृतिक आपदाओं और जीवन से संबंधित समस्याओं का पूर्वानुमान लगाने में असफल है आधुनिकविज्ञान ! जानिए क्यों ?

Category: Nature
Published: Monday, 19 November 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

    भविष्य में किस विषय से संबंधित क्या होगा इसे पहले से जान लेना ही तो पूर्वानुमान है !किसी भी विषय में पूर्वानुमान हो जाने से सावधानी बरत कर और सतर्क होकर अपने लिए हानिकर संभावनाओं को कम करने का प्रयास किया जा सकता है उनसे बचने का प्रयास किया जा सकता है !उन्हें सहने के लिए अपने को मानसिक शारीरिक आदि रूप से तैयार किया जा सकता है !
     इसी प्रकार से अपने लिए लाभकर संभावनाओं को अत्यंत प्रयासपूर्वक, अधिक से अधिक परिश्रम ,सतर्कता  और संसाधनों को लगाकर उस समय का अधिक से अधिक लाभ लेकर अपनी उन्नति की जा सकती है !
 पूर्वानुमान की आवश्यकता !
     पानी कब बरसेगा ?आँधी कब आएगी ?बाढ़ कब आएगी ?वायु प्रदूषण कब बढ़ेगा ?सर्दी गर्मी वर्षा आदि कब कब कितनी कितनी होगी आदि के विषय में पहले से अनुमान लगा लेना प्रकृति से संबंधित पूर्वानुमान होते हैं !  

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प्राकृतिक आपदाएँ -

Category: Nature
Published: Thursday, 04 October 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

     सुदूर अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर आने वाली वेगवती वायु का घनत्व बहुत अधिक होने के कारण जैसे जैसे ये नीचे पहुँचती है वैसे वैसे इनका वेग बहुत अधिक बढ़ता चला जाता है जिससे ये कुछ सेकेंड में पृथ्वी के वातावरण का भेदन करते हुए पृथ्वी के अंदर कई कई

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