भूकंप और वैदिकविज्ञान ?
वैदिकविज्ञान अनादि काल से प्राकृतिक घटनाओं से संबंधित रहस्य सुलझाने में लगा है हमारे द्वारा चलाए जा रहे इससे संबंधित रिसर्च कार्य में कई चीजें सामने आती दिख रही हैं जो न केवल भूकंप अपितु अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सम्बंधित खोज कार्य में बहुत सहायक हो सकती हैं !वैदिकविज्ञान प्राकृतिकघटनाओं से सम्बंधित कुछ मामलों में तो आधुनिक विज्ञान को गति और प्रतिष्ठा प्रदान करवा सकता है !
भूकंपों के विषय में क्या कहता है वैदिकविज्ञान !आपका होना चाहिए इधर भी ध्यान !क्योंकि ये विषय हम सबसे सम्बंधित है ! मेरी जानकारी के अनुसार अभी तक भूकंपों से बचाव की बात तो दूर इसके विषय में किसी भी प्रकार के पूर्वानुमान संबंधी कोई आशा भी दूर दूर तक नहीं दिखाई देती है !भूकंप आते और चले जाते हैं उनके दिए हुए घाव हम सहलाते रह जाते हैं इस रहस्य को सुलझाने में हमारे वैज्ञानिकों को कब और कितनी सफतला मिल पाएगी या नहीं इसके विषय में भी अभी से कुछ दृढ़ता पूर्वक नहीं कहा जा सकता है !बस वही पुरानी बातें जो हर भूकंप के बाद अक्सर पत्रकार लोग दोहरा दिया करते हैं कि जमीन के अंदर की गैसें प्लेटें और भूकंपों की गहराई तीव्रता आदि उन्हीं बातों तक अभी भी हम सिमटे हुए हैं किंतु इतना सब कुछ जान समझ लेने से भी रिसर्च कार्यों में कितनी मदद मिल पाएगी वो तो वैज्ञानिकों को ही पता होगा किंतु समाज इससे अभी तक लाभान्वित होने की स्थिति में नहीं है और न ही इससे होने वाली जन धन की हानि ही रोकी जा सकती है । जब तक हमारे भूकंप वैज्ञानिक भूकंपों से सम्बंधित कोई भी पूर्वानुमान प्रामाणिक तौर पर समाज के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तब तक भूकंपों के विषय में उनका अध्ययन सही दिशा में चल रहा है इस पर भरोसा भी कैसे कर लिया जाए !वैदिक विज्ञान की विधा से मैंने इस विषय में शोध कार्य किया है किंतु मुझसे ये कहा जाना कि आपके तर्क साइंटिफिक नहीं हैं ये कहाँ तक न्यायोचित है आखिर मैंने इस विषय से संबंधित वैदिक विज्ञान से MA ,Ph.D. किया है मेरे शोध कार्यों पर भी विचार करने में क्या बुराई है हो सकता है इसका सहयोग सफलता में सहायक ही हो जाए !
वैदिकविज्ञान से सम्बंधित विषय रिसर्च को सरकार एवं समाज से सहयोग की अपेक्षा है । वैदिक विज्ञान के द्वारा प्राकृतिक विषयों में किए जा रहे शोधपूर्ण कार्यों को सरकार के प्रोत्साहन की आवश्यकता है उसके लिए सरकार के कानों तक अपनी बात पहुँचाने के जितने भी माध्यम हमारी जानकारी में हैं लगभग सब का प्रयोग करके देख चुका हूँ फिर भी अपनी बात सरकार के जिम्मेदार लोगों तक नहीं पहुँचा सका हूँ यदि आप में से कोई मेरा किसी भी प्रकार से सहयोग करना चाहे तो उसका अग्रिम आभार !
वैदिक विज्ञान के द्वारा न केवल भूकंप वर्षा आदि विषयों में अपितु और भी कई प्राकृतिक आदि विषयों पर बहुत पहले से ही पूर्वानुमान लगाए जाते रहे हैं आकाश में घटित होने वाले ग्रहण आदि की सटीक गणना की जाती रही है कई विषय आज भी आधुनिक वैज्ञानिकों के द्वारा निरुत्तरित हैं जबकि प्राचीन विज्ञान उन पर भी विचार करता रहा है आधुनिक विज्ञान वेत्ता उन्हें अन्धविश्वास मानते हैं या फिर मानते हैं कि साइंटिफिक नहीं हैं !
चिकित्सा मनोचिकित्सा स्वभावविज्ञान प्रकृतिलक्षण विज्ञान ,अक्षरविज्ञान जैसे महत्त्वपूर्ण प्रयोगों से चिकित्सा विज्ञान को बहुत आसान बनाया जा सकता है मौसम संबंधी पूर्वानुमान महीनों वर्षों पहले भी लगाया जा सकता है बेशक सौ प्रतिशत सच न हो किंतु काफी सहयोगी सिद्ध होगा प्रकृति लक्षणों से सामाजिक ,स्वास्थ्य एवं प्राकृतिक अच्छाई बुराई से समाज एवं सरकार को पहले से अवगत कराकर कई बड़ी समस्याओं से होने वाली जन धन की हानि को कम किया जा सकता है मैं इससे जुड़े तथ्य उचित मंच पर प्रस्तुत करने को तैयार हूँ किंतु मैं आधुनिक साइंस का विद्यार्थी नहीं रहा इसलिए इस विषय से सम्बंधित मेरी खोद पूर्ण बातों पर विचार न किया जाना प्राचीन वैदिक विज्ञान के साथ न्याय नहीं माना जाना चाहिए !
भारत के प्राचीन ज्ञान विज्ञान से विश्व सुपरिचित है यही समझ कर मैंने इससे सम्बंधित विषय से बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (BHU) से Ph.D. की है और आगे भी कई विन्दुओं पर सटीक शोध कार्य किया है जो अभी भी चल रहा है इसलिए हमारी शास्त्रीय सच्चाई पर भी समाज का ध्यान खींचना मेरा धर्म है जिसका पालन मैं करता चला आ रहा हूँ !मेरा आप सभी भाई बहनों को सादर नमन !
महोदय !चूँकि वैदिकविज्ञान के द्वारा प्राकृतिक, चिकित्सा तथा सामाजिक एवं पारिवारिक विषयों पर मैं स्वतंत्र शोध(रिसर्च)कार्य करता चला आ रहा हूँ !जिससे प्राप्त परिणामों से मुझे लगने लगा है कि भारत का प्राचीन वैदिकविज्ञान आधुनिक विज्ञान के लिए कई विषयों में संजीवनी सिद्ध हो सकता है !
वैदिक विज्ञान के द्वारा प्रकृति से लेकर मानव जीवन तक पर रिसर्च कार्य करते हुए मैंने पाया कि चिकित्सा एवं वर्षा आँधी भूकंप जैसे प्राकृतिक विषयों में भी वैदिकविज्ञान बड़ी भूमिका निभा सका है प्राकृतिक विषयों के गूढ़ रहस्यों को सुलझाने में वैदिक विज्ञान से बड़ी मददमिल सकती है ।
इसी वैदिक विज्ञान से भूकंपों पर रिसर्च करते हुए मैंने पाया कि कोई भी भूकंप अचानक नहीं आ जाता है भूकंप बनने में समय लगता है प्रकृति में इसकी तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है जिसके लक्षणों से पता लगने लगता है !इसके साथ ही यह भी पाया कि भूकंप चार प्रकार के होते हैं सबके अलग अलग लक्षण और प्रभाव भी होते हैं !भूकंप बनने के लक्षण जैसे ही दिखाई पड़ने लगें वैसे ही इन्हें रोकने के उपाय भी किए जा सकते हैं !समय से यदि उपाय प्रारम्भ कर दिए जाएँ तो तीन प्रकार के भूकंप टाले भी जा सकते हैं बाक़ी एक प्रकार का नहीं !
इसी प्रकार से अन्य विषयों में भी काफी सफलता पूर्ण अच्छे परिणाम मुझे वैदिक विज्ञान के इस शोध से मिले हैं इसीलिए मुझे लगा कि भूकंपों के रहस्य सुलझाने में भारत का प्राचीन वैदिक विज्ञान काफी सक्षम और सहायक सिद्ध हो सकता है ।
इसके अलावा वैदिक विज्ञान के इस खोज से सबसे महत्त्वपूर्ण एक बात और पता लगी कि भूकम्प एक प्राकृतिक घटना मात्र नहीं हैं अपितु ये तो निकट भविष्य में घटित होने वाली किसी घटना की सूचना देने के लिए आते हैं वो घटनाएँ प्राकृतिक होती हैं सामाजिक होती हैं स्वास्थ्य संबंधी होती हैं दो देशों के आपसी संबंधों से सम्बंधित हो सकती हैं !
मुझे अपने इस वैदिकशोधकार्य को आगे बढ़ाने एवं इससे संबंधित अपने अनुभवों को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए जिस स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है उसके लिए अधिक जगह की अधिक संसाधनों की आवश्यकता है जिसके लिए अधिक धनराशि चाहिए ही !जिसके अभाव में हमारा वैदिकशोधकार्य बहुत धीमी गति से चलाया जा पा रहा है । अतएव मेरा सरकार एवं समाज से जुड़े सभी भाई बहनों से निवेदन है सभी संस्थानों से जुड़े लोगों से निवेदन है या वैदिक विज्ञान के विषय में अनुसन्धान के लिए आर्थिक योगदान देने में रूचि रखने वाले सभी भाई बहनों से निवेदन है कि वे हमारी बातों पर भी विचार करें और हमें अपना बहुमूल्य आर्थिक योगदान दें !
अतएव मेरा आपसे निवेदन है कि आप मेरा आर्थिक सहयोग करें !वैदिक विज्ञान संबंधी इस शोधकार्य के लिए आपके द्वारा किया गया आर्थिक सहयोग वर्तमान वैश्विकसमाज के लिए बहुत लाभप्रद सिद्ध होसकता है !
भूकंपों के विषय में हमारे वैदिकविज्ञान के द्वारा किए गए अभी तक के अनुसन्धान !
शुभचिंतक प्रकृति भूकंप क्षेत्र के लोगों के लिए कोई न कोई महत्त्वपूर्ण संदेशा भेजती है !
प्रकृति के संदेशवाहक होते हैं भूकंप इसलिए वैदिक विज्ञान के द्वारा समझे और पढ़े जा सकते हैं वे संदेश और भविष्य के लिए भी सतर्क हुआ जा सकता है ।
भूकंप हमें अतीत का दर्पण दिखाते हैं वर्तमान में हो रही प्राकृतिक भूलों का एहसास करवाते हैं और भविष्य में प्रकृति के साथ संतुलन बना कर चलने के लिए प्रेरित कर रहे होते हैं । निकट भविष्य में घटित होने वाली कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं की सूचना दे रहे होते हैं !
भूकंपों के द्वारा दिए गए संदेश प्रकृति या मौसम से संबंधित हो सकते हैं स्त्री पुरुषों से लेकर सभी जीवों जंतुओं के स्वास्थ्य और स्वभाव से संबंधित हो सकते हैं दो देशों के आपसी संबंधों विचारों व्यवहारों से संबंधित हो सकते हैं ।
भूकंप जब जहाँ और जैसे आता है वो स्थान,समय और वहाँ की उस समय की प्राकृतिक स्थिति एवं मनुष्यों और जीवों में होने वाले रोगों और जीव जंतुओं के स्वभावों के सूक्ष्म लक्षणों का अध्ययन करके पहचाना जा सकता है किसी भूकंप के आने का उद्देश्य !
जो भूकंप जब ,जहाँ और जैसे आता है उसके आने के कुछ मिनट बाद ही इस बात की उद्घोषणा की जा सकती है कि किस भूकंप के बाद आफ्टर शॉक्स आएँगे किसके बाद नहीं !
जो भूकंप जब ,जहाँ और जैसे आता है उसके आधार पर इस रहस्य को सुलझाया जा सकता है कि किस भूकंप के आने के कितने दिन पहले से किन किन जीवों के स्वभावों और व्यवहार में किस किस प्रकार के परिवर्तन आने लगे होंगे अर्थात किस किस प्रकार के परिवर्तन कितने दिन या महीने पहले से अनुभव किए जाने योग्य होते हैं ।
बंधुओ !इस विषय में लगभग बीस वर्षों से चलाए जा रहे हमारे इस अनुसंधान संबंधी अनुमान में अभी तक सही पाए गए विन्दुओं और विचारों को ही मैंने यहाँ उद्धृत किया है !
मेरा अनुमान है कि इस विषय का रहस्य समाज को जिस दिन पता चलेगा कि भूकंपों का हमारे जीवन से इतना नजदीकी संबंध है वो क्षण भूकंप के विषय में जानकारी की दृष्टि से ऐतिहासिक होगा !भारत वर्ष के सनातन हिंदू धर्म के प्राचीनतम वैदिक विज्ञान का महान चमत्कार उस दिन दुनियाँ देखेगी !इसी उद्घोषणा के साथ !!
आपसे विनम्र निवेदन !
भूकंपों के विषय में वैदिक विज्ञान के द्वारा चलाए जा रहे हमारे भूकंपों से संबंधित अनुसन्धान कार्य में क्या आप हमारे साथ जुड़ कर अपनी सुविधानुसार हमारी आर्थिक मदद करना चाहेंगे यदि हाँ तो आपका अग्रिम धन्यवाद !
विशेष :आप हमसे हमारे शोध कार्यों के संदर्भ में शंका समाधान आदि के लिए हमसे संपर्क कर सकते हैं !
Gmail This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.
विशेष जानकारी के लिए इन नंबरों पर भी संपर्क किया जा सकता है -09811226973 \ 83