मौसम पूर्वानुमान : दिसंबर 2021(वैदिक)
मौसम पूर्वानुमान : दिसंबर 2021(वैदिक)
दिसंबर के महीने में समुद्र तटवर्ती देशों प्रदेशों में चक्रवाती वर्षा के अतिरिक्त सामान्य वर्षा की संभावना कुछ दिनों में ही दिखाई पड़ेगी |20 दिसंबर के बाद वर्षा प्रारंभ हो सकती है |चक्रवाती तूफानों की संभावना 15 दिसंबर तक रहेगी | 9 दिसंबर तक अधिक रहेगी एवं1 से 5 दिसंबर तक चक्रवाती तूफानों की संभावना विशेष अधिक है | इन दिनों में चक्रवाती वर्षा की आवृत्तियाँ एक से अधिक भी देखने को मिल सकती हैं | वायु प्रदूषण की मात्रा भी इन दिनों में अधिक रहेगी | वायुप्रदूषण का स्तर वैसे तो 1 से 19 दिसंबर तक बढ़ा रहेगा | उसमें भी 3 से 9 दिसंबर तक अन्य समय की अपेक्षा अधिक बढ़ा रहेगा | इन दिनों में तनाव अधिक रहेगा |हिंसक आतंकी दुर्घटनाओं की अधिकता रहेगी |ऐसी प्राकृतिक एवं मनुष्य कृत दुर्घटनाओं की संभावना2से6दिसंबर तक अधिक है |इसी बीच दिल्ली एवं उसके आसपास के क्षेत्र में एक भूकंप आएगा जो किसान आंदोलन एवं संसदीय गतिरोध की दिशा दशा तय करेगा | 2से6दिसंबर में किसान संगठनों में आपसी तनाव काफी अधिक बढ़ जाएगा |संसद के शीत कालीन सत्र में 1से 5 दिसंबर तक तनाव बना रहेगा | इन दिनों में सूखीखाँसी,दमा, बदनदर्द,दस्त आदि पाचन से
संबंधित संक्रामक रोगों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं |आंदोलनों आरोपों प्रत्यारोपों की अधिकता रहेगी | उन्माद की मात्रा अधिक बढ़ जाने के कारण सभी क्षेत्रों में विवाद की संभावनाएँ अधिक बनेंगी| देश की सीमाओं पर एवं आतंकवाद प्रभावितप्रदेशों में विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए | मौसम पूर्वानुमान आज से दस हजार वर्ष पहले तक का जानने की विधि !
और अब विस्तार से -
1 दिसंबर को सामान्य बादलों की उपस्थिति रहने का अनुमान है | कुछ प्रदेशों में तेज हवाएँ चल सकती हैं |वातावरण में तनाव व्याप्त होना शुरू होगा |इसलिए सामाजिक आयोजनों आंदोलनों चुनावी रैलियों आदि को कुछ दिनों के लिए टाला जाना चाहिए | व्यक्तिगत जीवन में भी अकारण विवाद पैदा हो सकते हैं इसलिए पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में ऐसे विवादों से कुछ दिनों तक बचने का प्रयत्न किया जाना चाहिए |देश की सीमाओं पर अधिक सक्रियता बढ़ाई जानी चाहिए |अगले कुछ दिनों तक तनाव बढ़ सकता है |
2 और 3 दिसंबर को कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान की घटनाएँ घटित होंगी | सामाजिक एवं व्यक्तिगत जीवन में मानसिक तनाव बढ़ेगा |इस समय समुद्रों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |सामान्यतौर पर इन दिनों में वर्षा नहीं होगी!केवल समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात जैसी घटनाएँ घटित हो सकती हैं |राजस्थान पंजाब हरियाणा दिल्ली पश्चिमी उत्तर प्रदेश बिहार आदि में दूसरे ग्रहों से आए धुएँ धूल से वायु प्रदूषण बढ़ना प्रारंभ होगा | मानसिक तनाव बढ़ने की अधिक संभावना है | इसलिए इन दिनों आकाशीय एवं समुद्री उपद्रवों की संभावना है |कुछ दिनों तक ऐसी यात्राओं में विशेष सावधानी वरती जानी चाहिए |किसान आंदोलन में अपने अपने बर्चस्व को प्राथमिकता देने के कारण उनके संगठनों में इस समय आपसी तनाव बढ़ना प्रारंभ हो सकता है | संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में गतिरोध अभी बना रहेगा |
4 और 5 दिसंबर को सामाजिक पारिवारिक राजनैतिक प्राकृतिक आदि तनाव में कमी आनी प्रारंभ होगी | धीरे धीरे वातावरण सामान्य होता चला जाएगा |वायु प्रदूषण का स्तर अपने शिखर पर होगा |समुद्री क्षेत्रों में निर्मित हो चुके चक्रवात कुछ देशों प्रदेशों की ओर बढ़ने लगेंगे |इन दिनों में व्यक्तिगत सामाजिक राजनैतिक आदि तनाव अपने चर्म पर होगा | भारतीय संसद के शीत कालीन सत्र में पिछले कई दिनों से चल रहे गतिरोध का समाधान 5 दिसंबर के बाद निकलना प्रारंभ हो जाएगा | अगले दिन से सत्र सुचारु रूप से चलने की संभावना है | 5 दिसंबर को कुछ क्षेत्रों में आग लगने जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |
6 दिसंबर को बादलों की आवाजाही बढ़ेगी | कुछ क्षेत्रों में कृषि के लिए हितकर वर्षा होगी |
7 और 8 दिसंबर को हवाओं का वेग क्रमशः कम होने लगेगा | उसके साथ साथ तापमान कम होगा |कुछ स्थानों पर मध्यमस्तरीय वर्षा की संभावना है | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी जैसा वातावरण बन सकता है |
8और 9दिसंबर को भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में बर्फवारी हो सकती है | हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में भी कहीं कृषि के लिए हितकर वर्षा की संभावना है |सामाजिक राजनैतिक आदि क्षेत्रों में तनाव में कमी आएगी |
10 और 11 दिसंबर को बादलों की उपस्थिति रह सकती है | वर्षा की संभावना कम है तापमान घटेगा वायु प्रदूषण पर अंकुश लगेगा |आकाश में प्रातः काल कोहरा पड़ना प्रारंभ हो सकता है |
12 दिसंबर को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ अधिक होगा !वायु प्रदूषण भी कुछ कम होगा | बादलों की आवाजाही रहेगी किंतु वर्षा होने की संभावना अत्यंत कम है |
13और 14 दिसंबर को कुछ क्षेत्रों के वायुमंडल में बढ़ती ज्वलनशील गैसों की मात्रा के कारण आग लगने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है | इसलिए अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |कुछ क्षेत्रों में हवाएँ चलने के कारण शीतलहर प्रारंभ हो सकती है जहाँ हवाओं की गति अधिक नहीं होगी वहाँ के आकाश में धुंध बढ़नी प्रारंभ होगी | सामाजिक वातावरण में उत्तेजना बढ़ने से इन दिनों विवाद बढ़ने की संभावना अधिक है | देश की सीमाओं पर उत्तेजना बढ़ सकती है
15और16 दिसंबर को समुद्र के किनारे वाले देशों प्रदेशों में चक्रवाती वर्षा की संभावना अधिक है जिससे समुद्री देशों प्रदेशों में अधिक वर्षा हो सकती है | कहीं कहीं सामान्य आँधी के साथ वर्षा हो सकती है |वातावरण में तनाव व्याप्त रहेगा सभी प्रकार से सावधानी बरतते हुए समय व्यतीत करना चाहिए | देश की सीमाओं पर अधिक सक्रियता बढ़ाई जानी चाहिए |इन दिनों आकाशीय एवं समुद्री उपद्रवों की संभावना है |इसलिए इन दिनों में ऐसी यात्राओं में विशेष सावधानी वरती जानी चाहिए | इस समय वायुप्रदूषण विशेष अधिक बढ़ जाएगा |
17 और 18 दिसंबर को हवाओं का वेग विशेष बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा |समुद्री क्षेत्रों में निर्मित हो चुके चक्रवात कुछ देशों प्रदेशों की ओर बढ़ने लगेंगे |जिससे आगामी कुछ दिनों में उन क्षेत्रों को भारी वर्षा एवं तेज तूफानों का सामना करना पड़ सकता है | इन दिनों में व्यक्तिगत सामाजिक राजनैतिक आदि तनाव अपने चर्म पर होगा फिर भी आपसी विचार विमर्श पूर्वक समस्याओं के समाधान निकलने प्रारंभ होंगे | उपद्रवियों में भी उपद्रव की भावना कम होगी |
19 दिसंबर को वायु वेग बढ़ा रहेगा !तापमान भी कुछ बढ़ चुका होगा !कुछ क्षेत्रों में आग लगने जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वकअग्नि का व्यवहार करना चाहिए |
20और 21 दिसंबर को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ कम होगा !वातावरण में नमी बढ़ने लगेगी, बादलों की आवाजाही देखी जा सकती है | पहाड़ी क्षेत्रों में वर्फबारी होनी प्रारंभ हो सकती है |कहीं कहीं कृषि कार्यों के लिए हितकारी वर्षा होने की संभावना है | वातावरण में नमी अधिक होगी | धूप धूमिल होनी प्रारंभ हो जाएगी |
22 और 23 दिसंबर को हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा बढ़ेगी |तापमान कम होगा |अधिकाँश देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति दिखाई पड़ेगी |जिससे कुछ क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हो सकती है | पहाड़ी क्षेत्रों में वर्फबारी की संभावना बन सकती है |विशेषकर भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदि में कुछ अधिक वर्षा हो सकती है |
24 और 25 दिसंबर को भारत के जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में मध्यमस्तरीय वर्षा होने की संभावना है |
26 दिसंबर को विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों में बादलों की आवाजाही लगी रहेगी कहीं कहीं अत्यंत सामान्य वर्षा होने की संभावना है |
27और 28 दिसंबर को सामान्य बादलों की उपस्थिति रहने का अनुमान है | कुछ प्रदेशों में हवाओं के वेग के साथ सामान्य वर्षा की संभावना है !यहाँ से आगामी कुछ दिनों के लिए मानसिक तनाव बढ़ना प्रारंभ हो सकता है | अतएव अकारण विवाद पैदा हो सकते हैं पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में ऐसे विवादों से बचने का प्रयत्न किया जाना चाहिए | जिन वार्ताओं में विवाद संभव हो उन्हें ऐसे समय में छेड़ने से बचा जाना चाहिए | सामाजिक आयोजनों आंदोलनों चुनावी रैलियों आदि को कुछ दिनों के लिए टाला जाना चाहिए | यहाँ से कुछ दिनों के लिए वायु प्रदूषण बढ़ना प्रारंभ होगा |
29और 30 दिसंबर को कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान एवं वायुप्रदूषण बढ़ने लगेगा | सामाजिक वातावरण में मानसिक तनाव की मात्रा इस समय अधिक बढ़ती दिखाई देगी |इन दिनों में एक से अधिक चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |सामान्यतौर पर इन दिनों में वर्षा नहीं होगी| केवल समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना अचानक बन सकती है |इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |देश की सीमाओं पर अधिक सक्रियता बढ़ाई जानी चाहिए |इन दिनों आकाशीय एवं समुद्री उपद्रवों की संभावना है |इसलिए इन दिनों में ऐसी यात्राओं में विशेष सावधानीवरती जानी चाहिए |यहाँ से तापमान तेजी से गिरना प्रारंभ हो जाएगा !सर्दी अचानक बढ़ जाएगी |
31 दिसंबर वर्षा होने की संभावना अत्यंत कम है |सामाजिक पारिवारिक राजनैतिक प्राकृतिक आदि परिस्थिति में तनाव बढ़ा रहेगा !अगले महीने की पहली तारीख के बाद तनाव में कमी आनी प्रारंभ होगी | उसके बाद धीरे धीरे वातावरण सामान्य होता चला जाएगा |
उत्पात का समय: 1 से 6 दिसंबर तक तथा 14से 18 दिसंबर तक एवं 29 से 31दिसंबर तक के बीच उल्कापात बज्रपात जैसी प्राकृतिक घटनाएँ घटित हो सकती हैं |इस समय में आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी| इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित हो सकते हैं |समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बमविस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए