मौसम पूर्वानुमान : जनवरी - 2023 (वैदिक)

Category: Forcasting (Weather) Published: Friday, 30 December 2022 Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

                                                                 मौसम पूर्वानुमान : जनवरी - 2023  (वैदिक)


 संक्षिप्त मौसमपूर्वनुमान : इस महीने वर्षा एवं बर्फबारी की संभावना अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक है | 1 से 19 जनवरी तक तेज हवाएँ चलेंगी | उसमें भी 9 से 19 जनवरी तक हवाओं का वेग अधिक रहेगा | 10 जनवरी से कोरोना महामारी का  वेग बढ़ना प्रारंभ होगा |
 अब विस्तार से -
 1 जनवरी को अन्यदिनों की अपेक्षा सर्दी कुछ कम रहेगी|आग लग जाने की दुर्घटनाएँ घटित हो सकती हैं | इस दिन वर्षा होने की संभावना अन्य

दिनों की अपेक्षा कम है |तेज हवाएँ चल सकती हैं |
2और 3 जनवरी को समुद्रों का जल आंदोलित होने से प्रकृति में हलचल बढ़ेगी ! कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ घटित हो सकती हैं|!पश्चिम बंगाल झारखंड,छत्तीसगढ़,उड़ीसा तेलंगाना आंध्रप्रदेश,तमिलनाडु जैसे प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ वर्षा हो सकती  है |  समुद्री तटों के कुछ देशों प्रदेशों में  तेज हवाओं के साथ अधिक वर्षा भी हो सकती है | वायुप्रदूषण बढ़ना प्रारंभ होगा |
 4 जनवरी को उड़ीसा,गुजरात, महाराष्ट्र ,आंध्रप्रदेश, तमलनाडु,केरल, कर्नाटक जैसे प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ अधिक  वर्षा हो सकती  है | इन्हीं दिनों में समुद्री भागों में  कुछ बड़े चक्रवातों का निर्माण हो सकता है | हरियाणा दिल्ली राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार आदि प्रदेशों के आकाश में कहीं कहीं भूरे रंग के जल हीन  बादल दिखाई पड़ेंगे,इन दिनों में  वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक बढ़ सकता है |इन दिनों में लोगों के मन में अकारण एक दूसरे के प्रति तीव्र विद्वेष की भावना पनपेगी |समाज में उत्तेजना बढ़ेगी |
 5 जनवरी को वायु की गति कुछ कम होगी ,अन्य दिनों की अपेक्षा सर्दी कुछ कम होगी | वायु प्रदूषण कम होना प्रारंभ होगा | समाज में व्याप्त उन्माद की भावना कमजोर होगी|पूर्वोत्तर प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति बढ़ सकती है |कहीं कहीं मध्यम वर्षा की संभावना है |
6 जनवरी को वायु की गति कुछ कम होगी ,वातावरण में नमी की मात्रा बढ़नी प्रारंभ होगी |  वायु प्रदूषण शीर्षस्तर पर होगा | सर्दी बढ़नी समाज में व्याप्त उन्माद की भावना शांत होगी | पूर्वोत्तर प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति बढ़ती देखी  जा सकती है |कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ वर्षा होने की संभावना है |
7 और 8 जनवरी को  हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में कहीं कहीं वर्षा हो सकती है |हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी होगी| हवाओं का वेग बढ़ने से नमी की मात्रा अधिक रहेगी | वायु प्रदूषण के वेग में कुछ कमी होनी प्रारंभ होगी |  समाज में व्याप्त तनाव भी कुछ कम होना प्रारंभ होगा |पूर्वोत्तर भारत में वर्षा होने की संभावना अधिक है |
 9 और 10 जनवरी को अच्छी वर्षा हो सकती है जिससे विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों कृषि कार्यों में क़ाफी मदद मिलेगी |सर्दी की मात्रा विशेष रूप से बढ़नी प्रारंभ होगी | पूर्वोत्तर भारत में वर्षा होने की विशेष संभावना है |कोरोना महामारी तेजी से बढ़नी शुरू हो जाएगी बहुत सावधानी रखने की आवश्यकता है |
नोट :11 से 15 जनवरी तक देश के अधिकाँश भागों में वर्षा की मात्रा काफी अधिक रहैगी |
11 और 12 जनवरी को हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में सामान्य वर्षा तथा पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ गिरने की संभावना है|हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा अधिक रहेगी कोहरा की मात्रा बढ़ेगी | इन दिनों में सर्दी काफी अधिक होगी |
13 और 14 जनवरी को बादलों की उपस्थिति दिखाई देगी |कोहरा विशेष अधिक पड़ेगा कुछ स्थानों पर  अल्प वर्षा हो सकती है ! तापमान कम रहने से सर्दी काफी अधिक बढ़ जाएगी | वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से कुछ अधिक रहेगा |
 15 जनवरी को कहीं कहीं अल्प मात्रा में बादलों की उपस्थिति देखने को मिलेगी !कुछ क्षेत्रों में अत्यंत अल्प  वर्षा होने की संभावना है| अन्य दिनों की अपेक्षा धूप तेज होने के कारण सर्दी की मात्रा कुछ कम होगी ! वायु मंडल मेंअग्नि तत्व की अधिकता रहेगी जिससे कहीं कहीं आग लगने की घटनाएँ घटित हो सकती हैं |
16 जनवरी को समुद्री हवाएँ तेज चलेंगी | कुछ स्थानों पर प्राकृतिक उपद्रव घटित हो सकते हैं | दक्षिण पूर्वी भारत में वर्षा के साथ साथ आँधी तूफानों की घटनाएँ भी घटित होने की संभावना है | परिवारों में अकारण तनाव बढ़ना प्रारंभ होगा | समाज में आंदोलन तथा तनाव जैसी घटनाऍं   घटित होते देखी जाएँगी |
17 और 18 जनवरी को आकाश में वायुप्रदूषण का स्तर पहले की अधिक अपेक्षा बढ़ जाएगा | पारिवारिक एवं सामाजिक संबंधों में  अचानक तनाव बढ़ना प्रारंभ हो सकता है दक्षिण पूर्वी समुद्री किनारों पर स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना है |इनदिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |विशेषकर दक्षिण पश्चिमी भारत में मौसम का प्रकोप अधिक दिखाई देगा |
नोट :19 से 21 के बीच वर्षा की संभावना कुछ अधिक है |
19 जनवरी को  दिल्ली समेत समस्त उत्तर भारत के वातावरण में वायुप्रदूषण का  स्तर काफी अधिक बढ़ जाएगा | बीते कुछ दशकों में वायु प्रदूषण इतना अधिक न बढ़ा हो जितना इस समय बढ़ा रहेगा | इन दिनों में नदियों का जल अधिक प्रदूषित हो जाएगा |दिल्ली में  जमुना जल अधिक प्रदूषित दिखाई पड़ेगा | लोगों के पारिवारिक एवं सामाजिक संबंधों में  अचानक तनाव बढ़ना प्रारंभ हो सकता है| शुगर रोगियों को विशेष  सावधान रहना चाहिए इन दिनों में  शुगर की मात्रा अपेक्षा कृत अधिक हो सकती है| समाज में तनाव का वातावरण कहीं कहीं विशेष हिंसक हो सकता है | ,केवल समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना है |इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |
 20 जनवरी को धूप तेज रहेगी | तापमान कुछ बढ़ जाएगा ! वायुमंडल में ज्वलन शीलता  की मात्रा अचानक बढ़ जाने के कारण इस दिन कहीं कहीं आग लगने की संभावना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक रहेगी |  वायु मंडल में प्रदूषण बढ़ा हुआ अभी रहेगा | नदियों तालाबों के जलों में  प्रदूषण की मात्रा बनी रहेगी |रात्रि में वर्षा होने की संभावना है |
 21 जनवरी को पश्चिम की ओर से आने वाली गरम हवाओं की गति धीमी होगी एवं हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से वातावरण में न केवल नमी की मात्रा बढ़ेगी अपितु कुछ देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति बढ़ सकती है |सामान्य वर्षा कहीं कहीं हो सकती है |वायुमंडल में व्याप्त प्रदूषण आंशिक रूप से कम होगा|नदियों तालाबों के जल स्वतः स्वच्छ होने लगेंगे| कहीं कहीं सामान्य वर्षा हो सकती है |
 22 और 23 जनवरी को अच्छी वर्षा होने की संभावना है |विशेषकर भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल दिल्ली  हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार आदि में वर्षा और बर्फबारी की संभावना अधिक है |पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ बारी हो सकती है |
 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड असम मेघालय मणिपुर सिक्किम आदि प्रदेशों में काफी अधिक वर्षा होने की संभावना है जिससे कई देश प्रदेश आदि वर्षा से प्रभावित होंगे| जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में भी वर्षा हो सकती है |इन दिनों में तापमान एवं वायु प्रदूषण की मात्रा कुछ कम रहेगी |पूर्वोत्तर भारत में वर्षा होने की विशेष संभावना है |
25 और 26 जनवरी को अधिक जगहों पर बादलों की उपस्थिति रहेगी ! सर्दी की मात्रा काफी अधिक बढ़ जाएगी | कुछ स्थानों पर  सामान्य वर्षा हो सकती है |प्रातःकाल कोहरा की मात्रा अधिक रहेगी |
27और 28 जनवरी को धूप तेज होगी इसलिए तापमान कुछ बढ़ेगा  तथा सर्दी की मात्रा अन्य समय की अपेक्षा कुछ कम रहेगी |आग लग जाने की दुर्घटनाएँ घटित हो सकती हैं | इस दिन वर्षा होने की संभावना  है |तेज हवाएँ चल सकती हैं |
 
29 और 30 जनवरी को समुद्रों का जल आंदोलित होने से प्रकृति में हलचल बढ़ेगी ! कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ घटित हो सकती हैं|!पश्चिम बंगाल झारखंड,छत्तीसगढ़,उड़ीसा तेलंगाना आंध्रप्रदेश,तमिलनाडु जैसे प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ वर्षा हो सकती  है |  समुद्री तटों के कुछ देशों प्रदेशों में  तेज हवाओं के साथ अधिक वर्षा भी हो सकती है |उत्तर भारत में भी कहीं कहीं वर्षा हो सकती है |
 31जनवरी को उड़ीसा,गुजरात, महाराष्ट्र ,आंध्रप्रदेश, तमलनाडु,केरल, कर्नाटक जैसे प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ अधिक  वर्षा हो सकती है | इन्हीं दिनों में समुद्री भागों में  कुछ बड़े चक्रवातों का निर्माण हो सकता है | हरियाणा दिल्ली राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार आदि प्रदेशों के आकाश में कहीं कहीं भूरे रंग के जल हीन  बादल दिखाई पड़ेंगे,इन दिनों में  वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक बढ़ सकता है |इन दिनों में लोगों के मन में अकारण एक दूसरे के प्रति तीव्र विद्वेष की भावना पनपेगी |समाज में उत्तेजना बढ़ेगी |
 
उत्पात का समय :
1  से 5 जनवरी के बीच ,तथा 16   से 19   जनवरी के बीच, एवं 29 से 31 जनवरी के बीच आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी | इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,सुनामी बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित  हो सकते हैं |इन दिनों में तेज तूफ़ान चक्रवात आदि का निर्माण हो सकता है | समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की  सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बम विस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा  अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए !


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