सौरविज्ञान के द्वारा पूर्वानुमान

Category: मौसम
Published: Wednesday, 12 September 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

           समय विज्ञान और पूर्वानुमान

     संसार में समय के साथ साथ प्रकृति में जीवन में सभी प्रकार के बदलाव होते हैं और समय सूर्य के साथ बीतता है इसलिए संसार में घटित होने वाले प्रत्येक परिवर्तन को सौर विज्ञान से समझा जा सकता है !
     वर्तमान समय में केवल मौसम ही नहीं अपितु जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से संबंधित पूर्वानुमान अपने को पता होने चाहिए ताकि उससे संबंधित सावधानियाँ वरती जा सकें !सरकारी स्तर पर पूर्वानुमानों के नाम पर हमें केवल मौसम संबंधी पूर्वानुमान ही बताया जाता है वो भी सही होगा या नहीं इसकी  किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं होती !इसीलिए वो अक्सर गलत ही होता है !जिससे कृषि आदि क्षेत्रों में किसानों को काफी नुक्सान उठाना पड़ता है !इसीलिए किसान आत्महत्या करने को विवश होते हैं !इस बार महाराष्ट्र के कुछ किसानों ने मौसम विभाग से तंग होकर FIR भी करवाई है !ऐसी ही बातों व्यवहारों से पीड़ित होकर मैंने वैदिक विज्ञान के आधार पर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से संबंधित पूर्वानुमान उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहा हूँ जो काफी हद तक सही भी होते हैं !
   हमारे यहाँ 'सौरविज्ञान' के आधार पर प्रकृति ,समाज एवं जीवन से जुड़े अनेकों विषयों पर पूर्वानुमान लगाने  के लिए अनुसंधान किया जाता है !यह अनुसंधान कार्य पिछले तीस वर्षों से चलाया जा रहा है !इससे काफी सही परिणाम देखने को मिलते हैं !
       इसकी सबसे बड़ी विशेषता ये है कि वर्षा बाढ़ आँधी तूफान आदि प्राकृतिक विषयों से लेकर मानव जीवन समाज आदि से संबंधित कोई विशेष घटना घटित होने से काफी पहले उसके विषय में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है दूसरी बात ये कम खर्चीला तथा मौसम विभाग आदि के द्वारा लगाए जाने वाले पूर्वानुमानों की अपेक्षा अधिक सटीक होता है !
      सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ,मंत्रियों के यहाँ वर्षों से चक्कर लगाने के बाद भी पूर्वानुमान की इस सौर विज्ञान विधा को कोई स्वीकृति नहीं मिल पाई है !मौसमविभाग के वरिष्ट अधिकारियों के संपर्क में हूँ किंतु पूर्वानुमान संबंधी आविष्कार के क्षेत्र में यह विषय नया है और वैदिक है इसलिए उन्हें भी इसकी सच्चाई स्वीकार करने में संकोच हो रहा है ! हमारे यहाँ से प्रकशित पूर्वानुमान कुछ इस प्रकार के होते हैं -  13 सितंबर 2018 से 25 सितंबर2018 के बीच घटित होने वाली संभावित घटनाओं का पूर्वानुमान !
सौरविज्ञान के आधार पर -
                                  

   13 सितंबर 2018 से 25 सितंबर2018 के बीच घटित होने वाली संभावित घटनाओं का पूर्वानुमान ! 


 1. वर्षाबाढ़ -13 सितंबर से 17 सितंबर तक राजस्थान मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश उत्तराखंड आदि क्षेत्रों में से कुछ प्रांतों में अधिक वर्षा होगी !इसके बाद 19,20,22,23,24 में उत्तर क्षेत्र में भी अधिक वर्षा होगी !

 2. आँधीतूफान -13 सितंबर से 17 सितंबर तक पश्चिम बंगाल बिहार झारखंड के अलावा पूर्वोत्तर भारत के असम आदि समस्त प्रदेश तथा जम्मूकश्मीर मेरठ हरियाणा दिल्ली आदि के क्षेत्र आँधी तूफान आदि की घटनाओं से पीड़ित होंगे !

 3.वायुप्रदूषण - 13 सितंबर से 20 सितंबर तक जम्मूकश्मीर ,हरयाणा, दिल्ली,पश्चिमी उत्तरप्रदेश,पूर्वी बिहार झारखंड,पश्चिमी बंगाल , पूर्वोत्तर भारत एवं बंगलादेश का आसमान आकाशीय धूल ,धुंध ,धुएँ आदि से आच्छादित होने के कारण वायुमंडल प्रदूषित होगा !जिससे सूर्य किरणें धूमाच्छादित सी दिखाई देंगी और आकाश आकाशीय धूलि से धूसरित होगा !

 4. रोग - 13 सितंबर से 22 सितंबर तकपूर्वोत्तर भारत झारखंड बिहार दिल्ली जम्मू कश्मीर आदि में सूखी खाँसी ,चक्कार आने एवं घबराहट जैसे रोगों से परेशानियाँ बढ़ेंगी !

 5. समाज- 13 सितंबर से 22 सितंबर के समय जम्मूकश्मीर तथा दिल्ली एवं दिल्ली के आस पास के शहरों का वातावरण बिषैला बनाया जाएगा कुछ लोगों के द्वारा उन्माद फैलाया जाएगा !जिससे सामाजिक संघर्ष एवं वैमनस्यता फैलेगी ! पाकसीमा से लगे जम्मू कश्मीर के क्षेत्र में जनभागीदारी से सुनिश्चित एवं सुनियोजित उन्माद फैलाया जाएगा जिससे इन्हीं दिनों में पत्थर बाजी जैसी घटनाएँ घटित हो सकती हैं ! इसीप्रकार से 13 सितंबर से 22 सितंबर तक के समय में असम एवं उसके आसपास के प्रदेशों देशों में भी आतंकवाद की घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं विशेष कर कोकराझार जिला एवं उसके आस पास के जिला या नगर के लोगों में उन्माद भरा जाएगा जिससे वो अच्छे खासे शिक्षित एवं सामाजिक लोग भी वातावरण को बिषाक्त बनाने में सहभागिता निर्वाह करते देखे जाएँगे !ऊटपटाँग तर्क देते देखे जाएँगे !इसीकारण से सामाजिक दंगे भड़क सकते हैं और पूर्वोत्तर का वातावरण बिगड़ सकता है !

सुरक्षा -जम्मूकश्मीर एवं असम के आस पास से विदेशी सीमा से ऐसे आतंकी लोग भेजे जा सकते हैं जिनसे जनधन के हानि की भारी संभावना देखी जा सकती हैं !!
  तनाव - 13 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक का समय तनाव बढ़ने का है इस समय में सभी प्रकार के सभी लोगों को तनाव होगा !सारा संसार इस समय में तनावग्रस्त रहेगा जो व्यस्त हैं सभी साधनों से संपन्न हैं तनाव उन्हें भी होगा किंतु इसका अनुभव उन्हें अधिक नहीं होने पाता है जो पहले से ही अभावग्रस्त या समस्याग्रस्त होते हैं या पीछे से ही कोई तनाव चला आ रहा होता है उन्हें ऐसे समय में तनाव का एहसास विशेष अधिक होगा !ऐसे समय में ही सामाजिक तनाव उन्माद आदि फैलने की संभावना रहती है !

                                                                                            निवेदक -
                                                                                  डॉ.शेष नारायण वाजपेयी

मौसम पूर्वानुमान :जुलाई 2018

Category: Forcasting (Weather)
Published: Sunday, 01 July 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

मौसम पूर्वानुमान :जुलाई 2018

 

आँधी तूफान का पूर्वानुमान -जुलाई 2018

Category: Forcasting (Weather)
Published: Sunday, 01 July 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

मौसम का पूर्वानुमान मैथ से -

Category: मौसम
Published: Friday, 29 June 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

 पूर्वानुमान पता  लगाने के लिए क्रांतिकारी पहल !        
        यदि मौसम से संबंधित पूर्वानुमान आवश्यक है तो जीवन से संबंधित पूर्वानुमान जानना भी तो आवश्यक है आधुनिक वैज्ञानिकों ने उसके विषय में  क्यों नहीं सोचा ? सच्चाई ये है कि शरीर अस्वस्थ एवं मन परेशान है तो सबसे पहले  यह जानने की इच्छा होती है कि हमारा शरीर कब स्वस्थ होगा और चिंताएँ कब दूर होंगी ? पहले अपना स्वास्थ्य अपना मन उसके बाद में मौसम !शरीर स्वस्थ एवं मन प्रसन्न है तभी तो सब कुछ अच्छा  लगता है !शरीर ही न रहे या परेशान रहे तो मौसम संबंधी पूर्वानुमानों का क्या किया जाएगा ?इसलिए सबसे पहले अपने जीवन से संबंधित घटनाओं के पूर्वानुमान का पता लगाना चाहिए और बाद में वर्षा बाढ़ आँधी तूफान से संबंधित पूर्वानुमानों का !                              मौसम के संबंध में पूर्वानुमान  की परिकल्पना है तो जीवन के संबंध में क्यों नहीं ?जीवन क्या मौसम से कम मूल्यवान है !जब जीवन ही नहीं रहेगा तब मौसम कैसा भी हो उससे क्या लेना देना !इसलिए मौसम के साथ साथ जीवन से संबंधित संभावित प्रत्येक घटना का भी पूर्वानुमान खोजा जाना चाहिए ये मनुष्य का अधिकार है ताकि वो जीवन से संबंधित किसी भी क्षेत्र में संभावनाओं का लाभ जितना अधिक से अधिक ले सकता हो उसमें कोई कोर कसर छूटे नहीं !कोई व्यक्ति अपनी शिक्षा गुणों आदि का उपयोग करते हुए उसका पूर्ण लाभ ले सके !इसलिए पूर्वानुमान जीवन के क्षेत्र में भी परम आवश्यक हैं !

     वर्षा-बाढ़,आँधी-तूफान आदि कब होगा हमारे लिए जितना जरूरी यह जानना है उससे कम जरूरी नहीं हैं हमारे लिए जीवन से संबंधित घटनाओं के पूर्वानुमान ! जीवन के जिस क्षेत्र में जो जैसा जितना कुछ पाने की चाह में प्रयास कर रहा होता है निरंतर प्रयासों के बाद भी वो उसमें से क्या कितना हासिल कर पाएगा नहीं कर पाएगा !या सारा जीवन उसी में घुट घुट कर उसे मरना होगा !ऐसी परिस्थिति उसके सामने इसीलिए घटित होती है क्योंकि उसे जीवन से संबंधित पूर्वानुमान पता नहीं होते हैं चाहे अनचाहे उनके जीवन में ऐसी अप्रिय घटनाएँ घटित होती चली जाती हैं उसके पास सहने के अलावा और कोई दूसरे विकल्प नहीं होते हैं !
    पूर्वानुमान शब्द से हम सभी परिचित हैं किसी भी घटना के घटित होने से पहले ही यदि उस घटना के विषय में पूर्वानुमान लगाकर भविष्यवाणी कर दी जाए और वो सच निकल जाए तो ये उसका सटीक पूर्वानुमान है! पूर्वानुमान लग जाने से अच्छी घटनाओं का लाभ लेने के अधिक से अधिक प्रयास कर लिए जाते हैं जिससे लाभ की मात्रा प्रयास पूर्वक बढ़ा ली जाती है ठीक इसी प्रकार से हानिकर संभावना वाले प्रकरणों में अपने बचाव के लिए अधिक से अधिक प्रयास कर लिए जाते हैं!जिनमें कुछ प्रतिशत तक बचाव हो भी जाता है !कोई घटना घटने से रोकी तो नहीं जा सकती है किंतु उससे बचाव का प्रयास अवश्य कर लिया जाता है !इसप्रकार से पूर्वानुमानों का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है इसीलिए हमारे लिए ये बहुत आवश्यक भी हैं !
     सूखा-वर्षा-बाढ़,आँधी-तूफान आदि घटनाएँ मानव जीवन को बहुत प्रभावित करती हैं ऐसी घटनाओं से  काफी नफा नुकसान होते देखा जाता है !इसलिए मनुष्य स्वभाव से ही हानि की आशंका से हमेंशा आशंकित रहता है और लाभ के प्रति हमेंशा आशान्वित रहता है!इसलिए उसे किसी भी विषय से संबंधित पूर्वानुमान जानने की जिज्ञासा हमेंशा बनी रहती है !
  मनुष्य की  प्रकृति से संबंधित चिंताएँ -
    कब सूखा पड़ेगा ?कब पानी बरसेगा या बाढ़ आएगी ? कब आँधी तूफान आएगा ? इस प्रकार की प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान जानना हमारे लिए महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि ऐसी प्राकृतिक घटनाएँ हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं !
    हमारे लिए जितना जरूरी प्रकृति से संबंधित पूर्वानुमान विषय में यह सब जानना है उससे कम जरूरी  जीवन से संबंधित चिंताएँ भी नहीं हैं उनके विषय में भी पूर्वानुमान लगाना हमारे लिए बहुत आवश्यक है !
 मनुष्य की जीवन से संबंधित चिंताएँ -
      ये ऐसी चिंताएँ हैं जिससे प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी रूप में जूझना पड़ता है !ऐसी आशंकाओं से अधिकाँश लोग पीड़ित हैं उन्हें लगता है कि उनकी बातों के विषय में भी उन्हें पूर्वानुमान उपलब्ध कराया जाए !उनकी यही पूर्वानुमान जानने की व्याकुलता उन्हें बेचैन किए रहती है!किंतु जीवन से संबंधित क्षेत्र में पूर्वानुमान लगाने की कोई उचित व्यवस्था न होने के कारण हैरान परेशान लोग बाबाओं,तांत्रिकों एवं मुल्ला मौलवियों के द्वारा फैलाए जा रहे अंधविश्वास में फँसा लिए जाते हैं !
       - स्त्री पुरुषों के मन में अक्सर कौंधते रहने वाले सवाल-
    1. हमारा स्वास्थ्य कब तक ठीक रहेगा ?
    2.हमें जो रोग है वह कब ठीक होगा ?
इसी प्रकार से -
   1. हमारा मानसिक स्वास्थ्य कब तक ठीक रहेगा ?
   2.हमें जो तनाव है वह कब ठीक होगा ?
इसी प्रकार से -
    1.हमारी शिक्षा कैसी रहेगी ?
    2.शिक्षा के लिए कौन कौन वर्ष अच्छे या बुरे होंगे ?
    3.हमारे लिए किस वर्ष में किस विषय को पढ़ना ठीक रहेगा ?
    4.किस विषय को पढ़कर हमें आजीविका प्राप्त हो सकती है ?
इसी प्रकार से -
    1.हमारा विवाह कब होगा ?
    2.हमारा विवाह यदि इस लड़की या लड़के के साथ होगा तो कब तक शांति पूर्ण निर्वाह होगा ?तनाव किस किस वर्ष होगा और कितने समय के लिए होगा ?किस पक्ष से होगा ?
    3.हमारी पत्नी या पति हमारे साथ जो कलह करते हैं वो कब तक चलेगा ?
इसी प्रकार से -
    1.इस लड़के और इस लड़की का विवाह कर दिया जाए तो इन्हें संतान होने की संभावना किस वर्ष होगी ?
    2.संतान पाने के लिए ये पति पत्नी जो चिकित्सा ले रहे हैं उससे लाभ कब तक होगा ?
इसी प्रकार से -
     1.हमें व्यापार में लाभ होगा या नौकरी में ?
    2. हमें जीवन के किस वर्ष में व्यापार से लाभ होगा ?
     3.जो काम हम करना चाह रहे हैं या कर रहे हैं क्या उससे लाभ होगा ?
    4.जिस साझेदार के साथ हम काम कर रहे हैं या करना चाह रहे हैं क्या उसके साथ लाभ होगा ?
        नौकरी में सीनियर से परेशानी कब तक चलेगी ?
इसी प्रकार से -
    1.यह घर हमारे लिए सुख शांतिप्रद रहेगा क्या ?
    2. जिस घर में हम रह रहे हैं वहाँ स्वास्थ्य एवं सुख शांति का वातावरण कब बनेगा ?
इसी प्रकार से -
      हम जिस परिवार ,संस्था,संगठन,कंपनी आदि में जिन जिन लोगों के साथ रह रहे हैं उनमें से किस स्त्री या पुरुष सदस्य के साथ संबंध अच्छे रखने के लिए कैसा वर्ताव करना होगा ?जिसके जिससे साथ संबंध बिगड़ चुके हैं उन्हें सुधारने के लिए किसे किस प्रकार का कितना सुधार करना होगा ?
इसी प्रकार से -
    1. हम राजनैतिक क्षेत्र में सफल हो सकेंगे क्या ?
    2.हमें राजनीति में किस वर्ष में सफलता मिलेगी ?
    3.हमें किस नाम के राजनैतिक दल में सफलता मिल सकती है ?
    4.किस नेता का मन जीतने के लिए उसके साथ हमें कैसा व्यवहार करना ठीक रहेगा ?

    5.राजनीति में हमारे चारों ओर जितने भी लोग हैं उनमें से किस पर किस विषय में कितना विश्वास करना चाहिए ?

        इस प्रकार की और भी बहुत सारी दुविधाएँ जीवन में आती हैं जिस जगह व्यक्ति को ये समझ में नहीं आता है कि वो इधर जाए या उधर !कई बार तो उसे एक तरफ कुआँ तो दूसरी तरफ खाई दिखाई पड़ती है ऐसी दुविधापूर्ण परिस्थिति में उसे ये समझ में नहीं आता है कि वो कौन सा रास्ता चुने !किधर जाए किधर न जाए ! ऐसे समय में बढ़ते तनाव को रोकने के लिए एक ही विकल्प होता है कि वो संभावित मार्गों का पूर्वानुमान पता लगाए और जिधर अधिक सुरक्षित और सुविधापूर्ण आशा दिखाई पड़े वो उधर ही जाए ! इसके लिए सबसे उपयुक्त सही सटीक सुरक्षित और सहज रास्ता है "  Forecasting All - Nature And Life "
   आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में पूर्वानुमान लगाने का कोई आधार ही नहीं है यही कारण है कि मौसम पूर्वानुमान विभाग अभी तक मौसम पूर्वानुमान लगा पाने में सफल नहीं हो पाया है जो वो लगता भी है उसमें से आधे से अधिक तो गलत निकल जाते हैं !ऐसी परिस्थिति में जीवनसंबंधी घटनाओं के पूर्वानुमान के लिए आधुनिक विज्ञान से कोई आशा नहीं की जानीचाहिए !चूँकि ये उनके बैश  नहीं है इसलिए वे जीवन से संबंधित पूर्वानुमान के प्रयासों को अंधविश्वास बताया करते हैं जो सच नहीं हैअपितु सच यही है कि पूर्वानुमान जानने के लिए आधुनिक विज्ञान के पास कोई विकल्प ही नहीं हैं !
    आधुनिक मौसम विज्ञान के क्षेत्र में पूर्वानुमान के लिए कोई उपयुक्त विधा है ही नहीं इसीलिए वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान आदि के विषय में उनके द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान प्रायः गलत ही होते हैं !क्योंकि उनके पास इसके लिए कोई उचित आधार नहीं है !यही कारण है कि जब वो लोग मौसम से संबंधित पूर्वानुमान ही सही  बता पाने में अभी तक असमर्थ हैं तो वो जीवन से संबंधित पूर्वानुमान लगाने की हिम्मत ही नहीं जुटा सके !वैसे भी प्रकृति से संबंधित पूर्वानुमान वे कितने भी झूठ बताया करते हैं लोग उतना ध्यान नहीं देते हैं !लंबे समय तक पूर्वानुमान लगातार गलत निकलते रहने के कारण किसानों का भारी नुक्सान होता रहा किसान आत्महत्या करते चले जा रहे थे !इसलिए अब अधिकाँश लोगों ने मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर ध्यान देना ही छोड़ दिया है !किंतु इतना बढ़ा झूठ यदि मौसम वैज्ञानिक किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन के संबंध में बोलेंगे तो वो कैसे सह पाएगा फिर इन्हें जवाब देना मुश्किल हो जाएगा इसलिए उन बेचारों ने पहले से ही हाथ खड़े कर रखे हैं कि जीवन के विषय में वे भविष्य वाणियाँ कर ही नहीं सकते हैं !
     अब बात Forecasting All - Nature And Life  की करें तो हमारे यहाँ   प्रकृति से लेकर जीवन तक से संबंधित प्रत्येक क्षेत्र का पूर्वानुमान लगाया जाता है जो लगभग 70 प्रतिशत सही घटित होता ही है अधिक भी हो सकता है किंतु कम नहीं !वर्षा बाढ़ आँधी तूफ़ान वायुप्रदूषण आदि का पूर्वानुमान सफलता पूर्वक लगा लिया जाता है !भूकंप की पहेली सुलझाने में भी एक सीमा तक सफलता मिली है संभव है कुछ वर्षों में भूकंपों  के पूर्वानुमान के विषय में भी कोई बड़ा रहस्य उद्घाटित हो !ऐसी आशा की जानी चाहिए !
     इसी प्रकार से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र से संबंधित पूर्वानुमान लगाने में भी हमें सफलता मिली है !जिससे बहुत लोग लाभान्वित भी हो रहे हैं !अपनी सभी प्रकार की आशंकाओं का समाधान ले रहे हैं !
      समयविज्ञान के आधार पर मैथ के माध्यम से हम सूर्य चंद्र के विषय में गंभीर अनुसंधान कर रहे हैं !सूर्य चंद्र का प्रभाव जितना प्रकृति पर पड़ता है उतना ही जीवन पर पड़ता है इस विधा से किए जाने वाले पूर्वानुमान प्रकृति से लेकर जीवन तक सही एवं सटीक घटित होते हैं !

 

'समय' की शक्ति को समझो -

Category: Nature
Published: Tuesday, 13 February 2018
Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

     अनादि काल से समय तो अपनी गति से व्यतीत होता चला जा रहा है जब दृश्य जगत में कुछ भी नहीं था तब भी तो समय था सूर्य चंद्रमा जब नहीं थे अर्थात इनके प्रकट होने से पूर्व भी तो समय व्यतीत होता जा रहा था तब समय को समझने का कोई माध्यम नहीं था किंतु सूर्य और चंद्र के प्रकट होने से वर्षों ऋतुओं महीनों पक्षों तिथियों दिनों के माध्यम से समय को समझ पाना संभव हो पाया !समय कभी किसी के आधीन नहीं हुआ अपितु संसार में सब कुछ समय के आधीन है समय का कोई आदि अंत नहीं है समय सर्व शक्तिमान है समय से अधिक शक्तिशाली कोई दूसरा नहीं है !जो समय के साथ चलता है वही बच पाता है अन्यथा आस्तित्व  बच पाना ही संभव नहीं है !संसार में बड़ी से बड़ी शक्तियों ने अपना आस्तित्व बनाए एवं बचाए रखने के लिए ही तो समय के साथ अपने को जोड़ रखा है !
      यहाँ तक कि ईश्वर ने भी अवतार तब लिया जब समय उस योग्य आया पाँच ग्रह जब तक उच्च के नहीं आए तब तक ईश्वर ने भी अवतार नहीं लिया !यहाँ तक कि किसी पर कृपा करने के लिए भी ईश्वरीय शक्तियाँ समय और भाग्य की प्रतीक्षा करती हैं !समय से पहले भाग्य से अधिक किसी को कुछ नहीं देती हैं !    

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