मौसम पूर्वानुमान : 15 से 23 मार्च 2022 तक (वैदिक)

Category: Forcasting (Weather) Published: Monday, 14 March 2022 Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

                                              मौसम पूर्वानुमान : 15 से 23 मार्च 2022 तक (वैदिक)
 
15मार्च  को हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा बढ़ेगी|तापमान कम होगा |अधिकाँश देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति दिखाई पड़ेगी |जिससे कुछ क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हो सकती है | पहाड़ी क्षेत्रों में वर्फबारी की संभावना बन सकती है |
16 मार्च  को कुछ  स्थानों पर बादलों का जमावड़ा अधिक  मिल सकता है इस समय अधिक वर्षा होने की  संभावना है |वायु प्रदूषण कम होगा |  
17 मार्च  को भारत के  जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में

मध्यमस्तरीय वर्षा होने की संभावना है |
18मार्च को विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों में बादलों की आवाजाही लगी रहेगी कहीं कहीं अत्यंत सामान्य वर्षा होने की संभावना है |
19मार्च को  आकाश प्रायः मेघरहित वायु प्रदूषण मुक्त एवं स्वच्छ रहेगा !मंद मंद शीतल बसंती हवाओं के झकोरे देखने को मिल सकते हैं |
20 मार्च को ज्वलनशील गैसों की मात्रा के कारण आग लगने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है | इसलिए अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |
21मार्च को कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान एवं वायुप्रदूषण बढ़ने लगेगा | सामाजिक वातावरण में मानसिक तनाव की मात्रा इस समय अधिक बढ़ती दिखाई देगी |इन दिनों में एक से अधिक चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |सामान्यतौर पर इन दिनों  में वर्षा नहीं होगी| केवल समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना अचानक बन सकती है |
22मार्च को वर्षा होने की संभावना अत्यंत कम है |सामाजिक पारिवारिक राजनैतिक प्राकृतिक आदि परिस्थिति में तनाव बढ़ा रहेगा !लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदि में तेज हवाओं के साथ कुछ अधिक वर्षा हो सकती है |
23मार्च को समुद्री क्षेत्रों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |देश की सीमाओं पर अधिक सक्रियता बढ़ाई जानी चाहिए |आकाशीय एवं समुद्री उपद्रवों की संभावना है |यात्राओं में विशेष सावधानीवरती  जानी चाहिए |  
उत्पात का समय:21  से24  मार्च तक के बीच उल्कापात बज्रपात जैसी प्राकृतिक घटनाएँ घटित हो सकती हैं |इस समय में आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी| इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित  हो सकते हैं |समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की  सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बमविस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |
लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा  अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए |

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