मौसम पूर्वानुमान : 16 से 22 अप्रैल 2023 तक (वैदिक)

Category: Forcasting (Weather) Published: Sunday, 16 April 2023 Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

                                                    मौसम पूर्वानुमान : 16  से 22 अप्रैल 2023 तक   (वैदिक)


16 और 17 अप्रैल को कुछ जगहों पर बादलों की उपस्थिति रह  सकती है ! तापमान अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ कम होगा |कहीं कहीं  सामान्य वर्षा हो सकती है|हवाओं की गति अधिक होगी | समाज में सद्भावना बढ़नी प्रारंभ होगी | विवादित मुद्दों का हल निकालने के लिए यह उत्तम समय है |
 18 और 19 अप्रैल को धूप तेज होगी इसलिए तापमान कुछ बढ़ेगा !गर्मी की मात्रा बढ़ेगी |आग लग जाने की दुर्घटनाएँ अधिक घटित हो सकती हैं |अग्नि

संबंधित कार्य करने में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए |    हवाओं का वेग कुछ बढ़ेगा !
20 और 21 अप्रैल को समुद्रों का जल आंदोलित होने से प्रकृति में हलचल बढ़ेगी ! कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ घटित हो सकती हैं|पश्चिम बंगाल झारखंड,छत्तीसगढ़,उड़ीसा तेलंगाना आंध्रप्रदेश,तमिलनाडु जैसे प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ वर्षा होने की संभावना है | इन दिनों में सामाजिक पारिवारिक आदि तनाव बढ़ते देखा जा सकता है |
 22 अप्रैल को उड़ीसा,गुजरात, महाराष्ट्र ,आंध्रप्रदेश, तमलनाडु,केरल, कर्नाटक जैसे प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ अधिक  वर्षा हो सकती है | इन्हीं दिनों में समुद्री भागों में  कुछ बड़े चक्रवातों का निर्माण हो सकता है | कहीं कहीं सामान्य वर्षा भी हो सकती है | इन दिनों में  वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक बढ़ सकता है |लोगों के मन में अकारण एक दूसरे के प्रति तीव्र विद्वेष की भावना पनपेगी |इससे समाज में उत्तेजना बढ़ेगी |
उत्पात का समय :
15 से 22  अप्रैल के बीच तेज हवाएँ चलेंगी !कुछ अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष आँधी तूफानों की घटनाएँ काफी अधिक घटित होंगी |21 और 22 अप्रैल को आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी | इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,सुनामी बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित  हो सकते हैं |इन दिनों में तेज तूफ़ान चक्रवात आदि का निर्माण हो सकता है | समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की  सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बम विस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में तनाव हिंसा उन्माद की मात्रा  अन्य समय की अपेक्षा अधिक बढ़ जाएगी !

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