मौसम पूर्वानुमान : 1 से 7 जुलाई 2023 तक (वैदिक)

Category: Forcasting (Weather) Published: Friday, 30 June 2023 Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

   मौसम पूर्वानुमान : 1 से 7 जुलाई 2023 तक   (वैदिक)

 1 जुलाई को वैश्विक स्तर पर हवाओं का वेग काफी अधिक रहेगा | आँधी तूफ़ान के साथ वर्षा होने की संभावना है |  भारत के दक्षिण पश्चिमी समुद्री भाग में विक्षुब्ध हवाएँ किसी चक्रवात को जन्म दे सकती हैं | समाज में तनाव का वातावरण रहेगा | इन दिनों आकाश में अधिक उँचाई में उड़ने वाले बादल अधिक देखे जा सकते हैं |

 2 जुलाई को धूप रहेगी | तापमान कुछ बढ़ जाएगा ! इस दिन आग लगने की संभावना अन्य दिनों की अपेक्षा काफी अधिक रहेगी | चंद्र मंडल स्वच्छ होने

लगेगा जिससे तनाव कम होना प्रारंभ होगा |कहीं कहीं खंडित वर्षा के साथ बज्रपात  होने की भी संभावना है |

 3 जुलाई को तापमान कुछ बढ़ेगा |वायुमंडल में व्याप्त प्रदूषण आंशिक रूप से कम होगा|कहीं कहीं आग लगने की संभावना है|दोपहर बाद समुद्री हवाएँ बादलों को उड़ाकर मैदानी क्षेत्रों में ले जाना शुरू कर देंगी !संभव है कि इसी रात्रि में कुछ क्षेत्रों में विशेष वर्षा हो !

 4 जुलाई को मेघालय अरुणाचल आदि पूर्वोत्तर प्रदेशों से वर्षा होना शुरू हो सकता है जिससे भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल दिल्ली  हरियाणा पूर्वी पंजाब उत्तरी राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार आदि में वर्षा हो सकती है | समाज में व्याप्त उन्माद की भावना कुछ कम होगी | लोगों में सहन करने की क्षमता स्वतः बढ़ने लगेगी |वायु प्रदूषण की मात्रा कुछ कम होगी |

 5 और 6 जुलाई को अधिकाँश देशों प्रदेशों में अधिक वर्षा होने की संभावना है |विशेषकर भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल दिल्ली  हरियाणा पूर्वी पंजाब उत्तरी राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार आदि में वर्षा हो सकती है | समाज में व्याप्त उन्माद की भावना कुछ कम होगी | लोगों में सहन करने की भावना स्वतः बढ़ने लगेगी |वायु प्रदूषण की मात्रा कुछ कम होगी |

7 जुलाई को सामान्य तौर पर वर्षा के वेग में कुछ कमी आएगी किंतु पूर्वोत्तर भारत में वर्षा होती रहेगी | जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड आदि में विशेष वर्षा हो सकती है |

विशेष बात :  1 से 3 जुलाई तक प्रायः प्रतिदिन तेज हवाएँ चलने की संभावना है कहीं कहीं बज्रपात भी हो सकते हैं !भूकंप ,सुनामी बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित  हो सकते हैं | सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में तनाव हिंसा उन्माद की मात्रा  अन्य समय की अपेक्षा अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों तथा देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए !

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