स्वास्थ्य
कोरोना : 20-1-2022 से समाप्त होने लगेगी कोरोना की तीसरी लहर !- Dr.S.N.Vajpayee
वैज्ञानिक अनुसंधानों के द्वारा महामारी को समझा ही नहीं जा सका ये सबसे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है प्राकृतिक विषयों में वैज्ञानिक अनुसंधानों के नाम पर होता आखिर क्या है ?और प्राकृतिक आपदाओं से जूझती जनता को जब अपने वैज्ञानिक अनुसंधानों से प्राप्त अनुभवों की सबसे अधिक आवश्यकता होती है उसी समय हमेंशा ये धोखा दे जाते हैं हैं आखिर क्यों ?
अन्य प्राकृतिक घटनाओं की तरह ही इस बार भी 18-12-2021 को मैंने प्रधानमंत्री जी की मेल पर भेजा था -
"|वर्तमान समय में जो संक्रमितों की संख्या बढ़ती दिख रही है वह महामारी संक्रमितों की न होकर अपितु सामान्य रोगियों की है | यह सामान्य संक्रमण भी 20 जनवरी 2022 से पूरी तरह समाप्त होकर समाज संपूर्ण रूप से महामारी की छाया से मुक्त हो सकेगा |"
ऐसा होगा यह मेरा वैदिकगणितीय अनुसंधान आश्रित अनुभवजन्य विश्वास है |मैं पिछले तीस वर्षों से वैदिक विज्ञान के आधार पर प्रकृति के विषय में अनुसंधान करता आ रहा हूँ जिसके आधार पर मौसम एवं कोरोना महामारी से संबंधित घटनाओं के विषय में पूर्वानुमान लगाता आ रहा हूँ जो पूर्वानुमान सही निकलते रहे हैं | इसी प्रकार से महामारी की सभी लहरों के आने और जाने की तारीखों के विषय में मैं आगे से आगे मेल के माध्यम से भारत सरकार को सूचित करता आ रहा हूँ |
आप स्वयं भी देखिए...https://navbharattimes.indiatimes.com/india/astrologers-claim-the-weather-as-well-as-forecasts-of-disturbing-events-are-telling-the-government/articleshow/73211738.cms
ऐसे हीअन्य प्राकृतिक घटनाओं के विषय में भी संबंधित मंत्रालय विभागों एवं पत्रकारों को सूचित करता रहा हूँ ये पूर्वानुमान पूरी तरह
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बाबा रामदेव की 'कोरोनिल' लांच होते ही क्यों बढ़ा कोरोना ?
भारत में 19 फरवरी 2021 से पहले कोरोना संक्रमितों की संख्या बहुत कम रह गई थी यह देखकर बाबाजी ने कोरोना की औषधि बताकर 'कोरोनिल' लांच कर दी !साथ में मंत्री खड़े कर लिए ताकि मंत्रियों की गुडबिल से बाबा जी के झूठ को भी सच मान लिया जाए !मंत्रियों का बाबा जी की कोरोनिल के समर्थन में खड़ा होना कितना जरूरी था कितनी मजबूरी थी वे बाबा जी की 'कोरोनिल' को कोरोना से मुक्ति दिलाने में सक्षम समझकर सम्मिलित हुए या बाबा जी के रसूख के कारण ! मंत्रियों का 'कोरोनिल' की लांचिंग में सम्मिलित होने का मतलब रामदेव के दावों पर मोहर लगाना था| वैसे मंत्रियों को कैसे लगा कि बाबा जी की 'कोरोनिल' कोरोना के रोगियों को रोगमुक्ति दिलाने में कारगर है !
19 फरवरी 2021 को 'कोरोनिल' लांच होते ही जैसे जैसे कोरोनिल की बिक्री बढ़ने लगी वैसे वैसे कोरोना संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ने लगी |कोरोनिल की बिक्री के साथ साथ कोरोना रोगियों की मृत्यु संख्या भी बढ़ने लगी | रामदेव की दवाओं के ग्राहक दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में
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Corona Matter with Photo
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Email 19-03-2020
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Email 16-06-2020
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Email 07-09-2020
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Image Testing
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रामदेव की 'कोरोनिल' का न तो 'कोरोना' से कोई संबंध है और न ही आयुर्वेद से !जानिए कैसे ?
बाबा रामदेव जी !'कोरोनिल' क्या वास्तव में आयुर्वेदिक औषधि है ?यदि हाँ तो आप भी क्या उसी असली वाले आयुर्वेद को मानते हैं या आपके पाँच सौ वैज्ञानिकों ने रिसर्च कर कर के कोई नया आयुर्वेद पैदा कर लिया है ?
यदि उसी असली वाले आयुर्वेद को ही आप भी मानते हैं तो बता दीजिए कि आयुर्वेद के किस ग्रंथ के किस अध्याय के किस सूत्र या श्लोक में कोरोना महामारी की चर्चा मिलती है ?
दूसरी बात आयुर्वेद में कहाँ पर लिखा है कि कोरोना महामारी से संक्रमित रोगियों में कौन कौन से लक्षण होते हैं ? जो किसी
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