परिवार
भाग्य के सहयोग के बिना कर्म का फल नहीं मिलता !
भाग्य और भगवान पर भरोसा न करने से पैदा होते हैं अहंकार अपराध और आत्महत्या जैसे भाव !
कोई भी अपराधी अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए या अपनी इच्छा के अनुशार दूसरों को चलाने के लिए अथवा अपने मन मुताबिक सुख सुविधा आदि पाने के लिए प्रयत्न करते करते जब थक जाता है इसके बाद भी सफल नहीं होता है तब भी उसके मन में पैदा होती है अपराध की प्रवृत्ति |
कुछ मोटीवेटर सिखाते देखे जाते हैं कि आप प्रयास करो सफलता अवश्य मिलेगी | यदि न मिले तो अपने कर्म करने में कोई कमी रह गई है ऐसा मानना चाहिए | इसलिए बार बार प्रयत्न करो सफलता अवश्य मिलेगी |
बंधुओं ! किसी कर्म और सफलता का संबंध पंखे के स्विच और पंखे के आपसी संबंध की तरह नहीं होता कि स्विच दबाते ही पंखा चल उठेगा | कर्म और सफलता दोनों अलग अलग बातें हैं किंतु जब इन दोनों को एक साथ मिला दिया जाता है तब अपराध करने का भाव जगता है | असफल
संतान न होने का एक कारण यह भी हो सकता है !
कई बार देखा जाता है कि पति पत्नी दोनों स्वस्थ होते हैं फिर संतान न हो रही होती है उनकी चिकित्सकीय रिपोर्ट सारी नार्मल आ रही होती हैं उनके आपसी संबंध भी सामान्य होते हैं फिर भी उनके संतान नहीं हो रही होती है ऐसी परिस्थिति में उनके यहाँ संतान न होने का कारण उन दोनों का अपना समय भी हो सकता है ?
कोई वृक्ष स्वस्थ हो हरा भरा हो इसका मतलब यह नहीं होता है कि उसमें फूल और फल हमेंशा फूलते फलते रहेंगे अपितु जब ऋतु अर्थात समय आता है फूल फल होते तभी हैं |
प्रयास भी तभी फल देते हैं जब समय अच्छा होता है बहुत अधिक खाद पानी देने से कोई वृक्ष ऋतु आने से पहले फूलते फलते नहीं देखा जाता है उसी प्रकार से से कितने भी महँगे चिकित्सक से चिकित्सा करा ली जा जाए और कितनी भी अच्छी औषधियाँ ले ली जाएँ किंतु किसी को संतान होती तभी है जब संतान होने का समय आता है |
विवाहपूर्वानुमान - समाज, सरकार एवं विज्ञान के लिए सबसे बड़ी चुनौती ! जानिए कैसे ?
विवाह करने से ज्यादा कठिन है उसे निभाना !इसकेलिए अवश्यपढ़ना चाहिए 'विवाहविज्ञान' !
जिस लड़की या लड़के के साथ जो विवाह किया जा रहा है वो चलेगा कितने दिन !प्रेम प्रसन्नता उत्साह पूर्वक उन दोनों के द्वारा कितने समय तक निभाया जा सकेगा !इसका पूर्वानुमान भी तो लगाया जाना चाहिए !
सरकार ने तो मौसमसंबंधी पूर्वानुमान करने के लिए एक मंत्रालय बना रखा है वैवाहिकजीवन संबंधी पूर्वानुमान के लिए कुछ नहीं !आखिर क्यों ?वैवाहिक जीवन की इतनी उपेक्षा क्यों ?क्या ये जरूरी नहीं होना चाहिए !आखिर जीवन बचेगा तो मौसम की आवश्यकता होगी यदि जीवन ही नहीं बचेगा तो मौसम पूर्वानुमान लगाने से भी उसका क्या लाभ !सरकार कितना भी विकास कर ले!विज्ञान कितनी भी तरक्की कर ले जीवन बचेगा तभी उसका सदुपयोग होगा !जीवन ही नहीं बचेगा तो क्या कर लेगा विकास और विज्ञान !
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विवाह विज्ञान : वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याओं के पूर्वानुमान !
वैवाहिक जीवन ((Marriage Life)में आने वाली समस्याओं का पूर्वानुमान और उनके समाधान !
विवाह स्त्री पुरुषों के जीवन का बहुत बड़ा पर्व अर्थात त्यौहार है इसलिए वैवाहिक जीवन प्रसन्नता पूर्वक मनाने में ही इसका आनंद है !बहुत सारा धन खर्च करके, बहुत सारा सामान खरीदकर ,बड़े बड़े होटलों में पार्टी करके भी प्रसन्नता के बिना त्यौहार नहीं मनाया जा सकता !प्रसन्न रहकर तो धन के बिना भी गरीब लोग बड़े उत्साह से त्यौहार मना लेते हैं !
इसीप्रकार से बहुत धन दौलत खर्च करके बहुत बड़ा दान दहेज़ ले देकर होटलों में बहुत बड़ी बड़ी पार्टियाँ करके लोग विवाह तो कर सकते हैं किंतु जीवन में प्रेम प्रसन्नता उत्साह नहीं रह पाया तो वैवाहिक जीवन (marriage life) किस काम का !
जिस विवाह को इतने उत्साह और प्रसन्नता से किया जाता है उस पर इतना अधिक धन खर्च किया जाता है वो कितने समय तक चल पाएगा !इस बात का पूर्वानुमान भी तो लगाया जाना चाहिए !वर्तमान समय में विवाह संबंधी संकट से बहुत लोग परेशान हैं!
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परिवारविज्ञान: परिवार के विषय में समय, नाम और स्थान का होता है बहुत महत्त्व !
किसी परिवार के सदस्यों का जब जैसा जैसा समय चल रहा होता है !उनके जो जो नाम होते हैं तथा वो परिवार जिस स्थान अर्थात घर में रह रहा होता है !उस परिवार के सदस्यों के आपसी संबंधों एवं सुख शांति पर इन तीनों बातों का बहुत बड़ा असर पड़ रहा होता है !
परिवार में आपसी सदस्यों में प्रेम हो यह आवश्यक है इसके लिए आवश्यक है कि घर का प्रत्येक सदस्य एक दूसरे के प्रति कपट न करे अच्छे विचार रखे खुद प्रसन्न रहे और दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास करे !परिवार के सदस्यों के बीच आपस में जब प्रेम होगा एक दूसरे के प्रति विश्वास होगा तभी सुख शांति का वातावरण बन पाएगा !इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव एक दूसरे को पसंद आने लायक हो !
किसी का किसी के साथ अच्छा या बुरा संबंध उसके स्वभाव के अनुसार होता है प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव तीन बातों के अनुसार बनता या बिगड़ता रहता है पहली बात किसी के ऊपर जब जैसा समय चल रहा होता है तब तैसा स्वभाव बनता बिगड़ता रहता है !दूसरी बात जिस नाम का व्यक्ति जिस नाम के व्यक्ति से मिलता या बात व्यवहार करता है उसी के अनुसार उसका स्वभाव बनता या बिगड़ता रहता है!तीसरी बात जो व्यक्ति जिस स्थान पर रहता या काम करता है उस स्थान पर रहने या काम करने वाले लोगों के स्वभाव पर उस स्थान के अच्छे बुरे होने का भी असर पड़ता है !इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के संबंधों पर उसके समय का उसके नाम का और उस स्थान का बहुत बड़ा असर होता है !इन तीनों बातों के सामान्य हुए बिना किसी परिवार में सुख शांति की परिकल्पना नहीं की जा सकती है !
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