रोग और मृत्यु का समय सबका निश्चित होता है केवल पूर्वानुमान लगाने में चूक जाते हैं लोग !

Category: स्वास्थ्य Published: Saturday, 09 March 2019 Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

        सभी समस्याओं की जड़ है 'समय' और सभी समस्याओं के समाधान का कारण भी है समय !अक्सर देखा जाता है कि कोई स्वस्थ व्यक्ति अचानक अस्वस्थ होने लगता है इसका कारण होता है उसका अपना बुरा समय !इसी प्रकार से कोई अस्वस्थ व्यक्ति बिना किसी प्रयास के स्वस्थ होने लगता है इसका कारण उसका अपना अच्छा समय होता है !समय बदलते ही उसके जीवन में परिस्थितियाँ बदलने लगती हैं !
     सुदूर गाँवों में जंगलों में जहाँ चिकित्सा सुविधाएँ नहीं हैं वहाँ के लोग भी बुरे समय में अस्वस्थ होते हैं और अच्छे समय में स्वस्थ होते देखे जाते हैं !यदि ऐसा न होता तो संसाधनों के अभाव में भी उनमें से रोगी लोग स्वस्थ कैसे हो जाते हैं ! ऐसी जगहों पर बच्चों के टीका करण की समुचित व्यवस्था न होने पर भी उनके शरीर निरोग और बलिष्ठ देखे जाते हैं!
     जो जन्मा है वो मरता अवश्य है जिस समय जन्म हुआ होता है उसकी मृत्यु कब होगी यह भी उसी समय में निश्चित हो जाता है !मृत्यु का समय आने पर उसकी मृत्यु होती ही है वो जंगलों में हो या शहरों में गरीब हो या रईस बहुत बड़े हॉस्पिटल में चिकित्सकों की सघन देख रेख में हो या जंगल में अकेला हो समय आने पर मृत्यु सभी जगहों पर होते देखी जाती है !जहाँ चिकित्सा के बहुत अच्छे साधन होते हैं मृत्यु का समय आने पर वहाँ भी लोग मरते हैं !यदि मृत्यु का कारण समय न होता तो बड़े हॉस्पिटलों में चिकित्सकों की सघन देख रेख मेंरहने वाले साधन संपन्न रोगियों को अमर होना चाहिए था किंतु ऐसा नहीं होता है इसलिए जन्म और मृत्यु का मुख्यकारण सबका अपना अपना समय होता है !

     जब समय खराब आता है तो प्रकृति प्रदूषित हो जाती है जल वायु सब दूषित होने लगते हैं ऐसे समय में एक जैसे रोगों से बहुत लोग एक साथ रोगी होने लगते हैं !किंतु विशेष बात ये है कि ऐसे समय में भी रोगी वही होते हैं जिनका अपना भी समय खराब होता है !उन्हीं स्थानों पर उन्हीं परिस्थितियों में रहने वाले कुछ लोग तब भी स्वस्थ बने रहते हैं इसका कारण उनका अपना अच्छा समय होता है जो उन्हें रोगी नहीं होने देता है !
      किसी निश्चित समय के आने पर प्रतिवर्ष डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियाँ जोर पकड़ती हैं मौसम अर्थात समय बदलने पर रोग बढ़ने की संभावना होती है इसलिए चिकित्सा में समय की बहुत बड़ी भूमिका है!यहाँ तक कि डेंगू का वायरस मच्छरों में नहीं होता है अपितु डेंगूग्रस्त रोगी मनुष्यों को काट लेने से डेंगू वायरस मच्छरों को मिलता है !ऐसी परिस्थिति में प्रश्न उठता है कि डेंगू ग्रस्त रोगियों में डेंगू का वायरस कहाँ से आता है !इसका सीधा सा उत्तर है जिस व्यक्ति का अपना समय खराब होता है उसे उसके बुरे समय के प्रभाव से ऐसे रोग स्वतः हो जाते हैं ऐसे समय के प्रभाव से होने वाले रोग किसी मच्छर के दंश के मोहताज नहीं होते हैं !
     एक कार में या ट्रेन कई लोग एक साथ बैठे होते हैं कोई दुर्घटना घटित होने पर कुछ लोग मर जाते हैं कुछ घायल होते हैं और कुछ को खरोंच भी नहीं आती है जिसका जैसा समय उस पर वैसा प्रभाव पड़ता है !
     कुल मिलाकर रोग और मृत्यु समय के आधीन होती है !समय आने पर लोगों को रोग भी खोज कर स्वतः उनके पास पहुँच जाते हैं और मृत्यु भी समय आने पर उसके पास पहुँच ही जाती है वो कहीं भी क्यों न छिपे हों !
     इसलिए प्रत्येक स्त्री पुरुष को चाहिए कि वो अपने समय का पूर्वानुमान अवश्य लगाता रहे कि कब उसका अच्छा समय आ रहा है और कब बुरा !इस बात का पूर्वानुमान लग जाने से व्यक्ति सावधानी सतर्कता संयम औषधि सेवन आदि से अपनी सुरक्षा करने में सफल हो जाता है !
      जो लोग इतने बड़े विज्ञान के प्रति गंभीर नहीं होते हैं वे बाबाओं पुजारियों तांत्रिकों मुल्लों मौलवियों से अपने जीवन संबंधी समय का पूर्वानुमान जानना चाहते हैं ये उनका अंधविश्वास ही तो है !
      वर्तमान वैज्ञानिक युग में ऐसे अंधविश्वासों से दूर रहने में ही भलाई है !ऐसे लोग हमारे यहाँ संपर्क कर सकते हैं जहाँ बिना किसी बहम के वैज्ञानिक विधि से लगाया जाता है आने वाले समय एवं उसमें घटने वाली घटनाओं का पूर्वानुमान !

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