मौसम पूर्वानुमान : 8 से 15 फरवरी 2022 तक (वैदिक)

Category: Forcasting (Weather) Published: Monday, 07 February 2022 Written by Dr. Shesh Narayan Vajpayee

                         मौसम पूर्वानुमान : 8 से 15  फरवरी 2022 तक (वैदिक)

8 फरवरी को हवाओं के साथ बादलों की अधिकता बढ़नी प्रारंभ होगी |कुछ क्षेत्रों में वर्षा होने की संभावना है |
9 फरवरी को मैदानी क्षेत्रों में हवाओं के साथ वर्षा ओले बज्रपात आदि की संभावना है समुद्र के किनारे वाले देशों प्रदेशों में चक्रवाती वर्षा हो सकती है | इस समय  वायुप्रदूषण अधिक बढ़ा रहेगा |
10फरवरी को झारखंड छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश उड़ीसा तेलंगाना आंध्रप्रदेश तमिलनाडु आदि में तेज हवाओं के साथ वर्षा होने की संभावना है | समुद्र

तटवर्ती कुछ देशों प्रदेशों को भारी वर्षा एवं तेज आँधी का सामना करना पड़ सकता है |
11 फरवरी को धूप धूमिल होनी प्रारंभ हो जाएगी | बादल छाए रहेंगे कुछ क्षेत्रों में सामान्य वर्षा हो सकती है धूप के दर्शन कहीं कहीं होंगे !कुछ क्षेत्रों में आग लगने जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वकअग्नि का व्यवहार करना चाहिए |
12 फरवरी को वायु प्रदूषण घटेगा|आकाश में अधिक बादलों की उपस्थिति देखी जा सकेगी कुछ क्षेत्रों में मध्यमवर्षा होने की संभावना है | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी की घटनाएँ  दिखाई पड़ेंगी | इस समय तापमान कम होगा |
13 फरवरी को वायु प्रदूषण काफी कम होगा | पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ साथ मैदानी क्षेत्रों में कहीं कहीं सामान्य से अधिक बारिश भी हो सकती है |ओले गिरने की संभावना है | यह वर्षा कृषिकार्यों के लिए हितकर न होगी | तापमान कम रहेगा ! वातावरण में नमी बढ़ने लगेगी, बादलों की आवाजाही प्रायः सभी क्षेत्रों में अधिक रहेगी | धूप कहीं कहीं ही दिखाई देगी |
14फरवरी को अन्य दिनों की अपेक्षा वातावरण में नमी अधिक एवं तापमान कम रहेगा !बादलों की उपस्थिति अधिक रहेगी | पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी की संभावना है |यह वर्षा कृषि कार्यों के लिए हितकर न रहेगी | आलू टमाटर सरसों चना मसूर जैसी फसलों में इस वर्षा से नुक्सान होगा | कहीं कहीं ओले गिरने से अधिक नुक्सान हो सकता है | धूप के दर्शन कहीं कहीं ही अल्पमात्रा में हो सकेंगे |
15 फरवरी को वायुप्रदूषण मुक्त आकाश होगा | पहाड़ों पर हो रही अधिक बर्फबारी के कारण हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा अधिक बढ़ेगी |अधिकाँश देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति दिखाई पड़ेगी |जिससे कुछ क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो सकती है |कहीं कहीं बाढ़ जैसी घटनाओं की संभावना बनते दिखाई पड़े तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए |

 विशेष बात :-मैं पिछले कुछ वर्षों से हर बार एक महीने का मौसम पूर्वानुमान देते चला आ रहा था किंतु अब एक एक सप्ताह का ही पूर्वानुमान प्रकाशित किया जाएगा |
   इधर दो तीन वर्षों से हमारे द्वारा प्रकाशित पूर्वानुमानों की नक़ल करके कुछ लोग अपने नाम से प्रकाशित करते देखे जा रहे थे |जिससे उनके द्वारा बताए गए पूर्वानुमान भी नक़ल प्रभाव से अब कुछ सही होते दिखाई देने लगे हैं | वस्तुतः आधुनिक मौसमविज्ञान में मौसम पूर्वानुमान लगाने संबंधीवैज्ञानिक विधाओं का नितांत अभाव है उपग्रहों रडारों की मदद से मौसम की वर्तमान परिस्थिति ही पता लग पाती है भविष्य की नहीं |

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