मौसम
मौसम पूर्वानुमान :जनवरी - 2019
मौसम पूर्वानुमान :जनवरी - 2019
जनवरी के महीने में वर्षा ओले पाला एवं बर्फ गिरने की संभावना अधिक रहेगी !वर्षा का क्रम 11 जनवरी से प्रारंभ होगा और 31 जनवरी तक क्रमशः बढ़ता चला जाएगा !15 से 31 जनवरी तक वर्षा का वेग अधिक रहेगा !19 से 31 तक वर्षा का वेग विशेष अधिक रहेगा !इसमें 11 से 31 जनवरी तक हिमाचल जम्मू कश्मीर उत्तराखंड पंजाब दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदि क्षेत्र में वर्षा और बर्फवारी की संभावनाएँ अधिक रहेंगी !जबकि इसी क्षेत्र में 19 से 31 जनवरी तक वर्षा आदि की संभावनाएँ विशेष अधिक रहेंगी !15 से 31 तक बिहार झारखण्ड सिक्किम असम अरुणाचल आदि क्षेत्रों में भी पाला ,वर्षा और बर्फवारीकी सम्भावना अधिक रहेगी !
असम अरुणाचल सिक्किम मेघालय मिजोरम त्रिपुरा आदि क्षेत्रों में सामान्य वर्षा की घटनाएँ पूरे जनवरी के महीने में चलेंगी !
1 जनवरी को वर्षा की सम्भावना है !2,3,4 को कुछ क्षेत्रों में बादल एवं हल्कीबूंदा बाँदी देखने को मिलेगी ! 12 ,17,18,19 में सामान्य वर्षा एवं अधिक वायु प्रवाह होगा ! 5,6,7,8,9,10,11,13,14,15,16, 20,21,22,23 आदि तारीखों में घने बादल एवं तेज हवाएँ चलेंगी ! 24, 25, 26, 27, 28 तारीखों में अच्छी वर्षा और तेज हवाएँ चलने की सम्भावना है ! 29,30,31 को भूरे रंग के बादल होंगे तथा वर्षा की मात्रा अत्यंत कम होगी !
इसमें भी 7,8,9 को जम्मूकश्मीर,हिमाचल 10 ,11को उत्तराखंड उत्तर प्रदेश 20,21को अरुणाचल आदि पूर्वी क्षेत्र में एवं22,23,24 ,25 को त्रिपुरा छत्तीस गढ़ झारखण्ड एवं दक्षिण भारत में अच्छी वर्षा होने की सम्भावना है !इसके साथ साथ 22,23,24 को देश के अधिकाँ!श भागों में वर्षा होगी !
17 से 25 जनवरी तक पाला गिरेगा इसलिए इस समय ठण्ड अधिक होगी !इस समय ओले गिरने एवं विशेष अधिक बर्फवारी की संभावना है !
1 से 25जनवरी तक इस बार वायु का वेग अधिक रहेगा !उसमें भी जनवरी 1 से 5 तक ,15 से 18 तक एवं 28 से 31 तक आँधीतूफान चक्रवात सुनामी भूकंप आदि की संभावना बहुत अधिक होगी !इसके अलावा भी बड़ी प्राकृतिक आपदाएँ इस समय में घटित हो सकती हैं !
इसी 2,3,15,16,28,29 30 तक के समय में वायुदुर्घटना ,वाहनदुर्घटना,बसों एवं वाहनों का आपस में टकराना या बसों का खाई में गिरना,आतंकवादी दुर्घटनाएँ घटित होना तथा राजनैतिक सामाजिक आदि आंदोलन उन्माद ,उपद्रव ,पागलपन आदि की घटनाएँ इस समय विशेष अधिक देखने को मिल सकती हैं !
वायुप्रदूषण 3 जनवरी से 7 तक ,17 से 21 तक एवं 30,31 आदि तारीखों में बढ़ेगा !इस महीने वायुवेग अधिक होगा एवं वर्षा की अधिक संभावनाएँ होने के कारण आकाश की गिरी हुई वायु का दुष्प्रभाव बहुत अधिक विकराल स्वरूप नहीं धारण कर पाएगा !जिन क्षेत्रों में वर्षा कम हुई या वायु का वेग कम रहा संभव है वहाँ कुछ अधिक बढ़ जाए फिर भी इस महीने वायु प्रदूषण बहुत भयानक स्वरूप नहीं धारण कर पाएगा !
आग लगने की दृष्टि से 5,12,18,27 तारीखें विशेष चिंतनीय हैं इन दिनों में ज्वलन शील गैस वायु में मिश्रित रहेगी इसलिए कहीं भी कभी भी कितनी भी बड़ी आग लग सकती है विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है !
तनाव की दृष्टि से 2,3,4,27,28,29,30,31 ये तारीखें विशेष चिंतनीय रहेंगी !जिन्हें पहले से तनाव नहीं है उन्हें इस समय कुछ तनाव होगा जिन्हें पहले से तनाव चल रहा है उनका तनाव इस समय बहुत अधिक बढ़ जाएगा !विशेष सावधानी से ये समय पार करना चाहिए !
रोगों की दृष्टि से 2,7,9,14,16,21,23,28,30 तारीखों में नए नए रोग पैदा होंगे जिन्हें कोई रोग चल रहा है उनके रोग इस समय बहुत बढ़ जाएँगे !जिनकी हालत नाजुक है उनके लिए ऐसे समय पार कर पाना बहुत कठिन होगा !इसलिए विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है !
यद्यपि जनवरी 2018 पहले की अपेक्षा सामान्य एवं सुखप्रद बीतेगा !
मौसम पूर्वानुमान : दिसंबर -2018
Forecasting- All
मौसम पूर्वानुमान : दिसंबर -2018
प्रकृति हो या जीवन - सभी प्रकार के पूर्वानुमान
दिसंबर महीने में आँधी तूफानों चक्रवातों की बहुत अधिकता रहेगी ! जिनका स्वरूप अत्यंत डरावना होगा !वायु प्रदूषण भी काफी अधिक बढ़ा रहेगा !विश्व के अनेक देश,प्रदेश,जनपद ऐसी प्राकृतिक पीड़ा से पीड़ित होंगे जिनसे जनधन हानि की संभावना है !वैसे तो ऐसे वायु संबंधी उत्पात पूरे महीने ही दिखाई पड़ते रहेंगे फिर भी 3 दिसंबर से 31 दिसंबर तक स्थान बदल बदल कर आँधी तूफान आदि की घटनाएँ घटित होंगी ! इसमें भी 7 से 16 तक एवं 20 से 31 तक वायु वेग विशेष अधिक रहेगा !
इसमें 2 से 17 एवं 24 से 31 तारीख की अवधि में चलने वाली हवाएँ हिंसक होंगी ये जनधन की हानि करने वाली होंगी !इसमें कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाएँ घटित होंगी !प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से विशेष भयानक दिसंबर महीने की 5,6,7,8, एवं 19,20,21,22 तारीखें होंगी !इसमें भी 5,6,7,8,एवं21,22 ,23 तारीखें अधिक चिंतनीय होंगी !इन तारीखों में आँधी, तूफ़ान,चक्रवात,सुनामी , भूकंप आदि का निर्माण होगा जिससे विश्व के अनेकों देश पीड़ित होंगे !
वायुप्रदूषण की दृष्टि से दिसंबर का संपूर्ण महीना ही विशेष डरावना होगा !उसमें भी 7,8,9,10,11 एवं 22 ,23,24 तारीखों में वायु प्रदूषण काफी अधिक बढ़ जाएगा ! आकाश से गिरी हुई धूल के कारण वातावरण इतना अधिक प्रदूषित होगा ! इसलिए सूर्य की किरणें बहुत धूमिल दिखाई देंगी! इस दृष्टि से विशेष अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है !
दिसंबर के महीने में बिना मुद्दों के भी मुद्दे बना लिए जाएँगें उन्हें लेकर तरह तरह के जनांदोलन छेड़े जाएँगे !उन्माद हिंसा अपराध के अनेकों भयानक दृश्य दिखाई पड़ेंगे !निर्दयी होकर लोग अकारण एक दूसरे को चोट देने पर उतारू हो जाएँगे !आतंकवादी इस समय मरने मारने पर उतारू हो जाएँगें ऐसी घटनाओं की अधिकता रहेगी !इसमें भी 5,6,7,8, एवं 17,18,19,20,21 तारीखों में लोग आपस में भी अकारण उलझते दिखाई देंगे !सामाजिक उन्माद एवं उत्तेजना में इस समय में विशेष अधिक बढ़ोत्तरी होगी !बाहन एवं विमान दुर्घटनाओं की दृष्टि से भी ये समय विशेष चिंतनीय होगा !अकारण अचानक छोटी छोटी बातों पर बड़ा क्रोध आ जाएगा लोग असहनशील हो जाएँगे ! सामाजिक तनाव इस समय बहुत अधिक बढ़ जाएगा छोटे छोटे विवाद थोड़ी असावधानी में बड़े बड़े रूप धारण कर लेंगे !हड़ताल ,आंदोलन आदि में कोई भीड़ कब हिंसक रूप धारण कर ले कहा नहीं जा सकता है !
3,4,5,6,7 एवं 30,31तारीखों में मानसिक तनाव विशेष बढ़ा चढ़ा रहेगा !जो पहले से तनाव ग्रस्त हैं उनका तवाव इस समय बहुत अधिक बढ़ जाएगा !समाज के प्रत्येक व्यक्ति संयम को ऐसा समय अत्यंत संयमपूर्वक पार करना चाहिए !
आग लगने की घटनाएँ इस महीने में कम घटित होंगी फिर भी 1 से 29 तारीख़ तक पश्चिमी देशों और दिशाओं में ऐसी दुर्घटनाएँ अधिक देखने को मिलेंगी !इसमें 1से 6 तारीख़ तक ऐसी संभावनाएँ दक्षिण दिशा और दक्षिण भारत में भी अधिक रहेंगी !इस दृष्टि से 3,8,17,22,24,31 तारीखें विशेष अग्नि पीड़ा प्रदान करने वाली हैं !
स्वास्थ्य की दृष्टि से नवंबर के संपूर्ण महीने में सूखीखाँसी, स्वाँसरोग,हृदयरोग,ज्वररोग,शरीर में दर्द, गैस, उल्टी, दस्त, आँखों में जलन जैसे रोग बढ़ेंगे!
वर्षा संबंधी पूर्वानुमान की दृष्टि से दिसंबर के महीने की 5 तारीख़ से 31 तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्षा की संभावनाएँ बनी रहेंगी !1 से 25 तारीख तक उत्तर प्रदेश उत्तराखंड हिमाचल में वर्षा का वातावरण बना रहेगा !1 को दक्षिण भारत में 10 ,12,13 को जम्मू कश्मीर हिमाचल आदि में 15 को उत्तर भारत में ,25 को असम अरुणाचल मेघालय आदि में वर्षा होगी !26 त्रिपुरा पश्चिम बंगाल मिजोरम 27 को छत्तीस गढ़ आंध्रप्रदेश एवं 28 , 29को केरल तमिलनाडु आदि में वर्षा की विशेष संभावनाएँ रहेंगी !
मौसमविज्ञान :शरीरविज्ञान : मनोविज्ञान: संबंधविज्ञान: आकृतिविज्ञान
मौसमविज्ञान के माध्यम से जिस प्रकार से प्रकृति का अध्ययन करके प्रकृति संबंधी घटनाओं(वर्षा,बाढ़,आँधी-तूफान आदि) का पूर्वानुमान लगा लिया जाता है इसी प्रकार से 'शरीरविज्ञान' के द्वारा शरीरों में रोग चोट आदि लगने न लगने के विषय में पूर्वानुमान लगाना संभव है! ऐसे ही 'मनोविज्ञान' के द्वारा मन संबंधी घटनाओं (भय,चिंता,निराशा आदि) का पूर्वानुमान लगाया जाना चाहिए !
'संबंधविज्ञान' के माध्यम से इस बात का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि किस व्यक्ति का स्वभाव कैसा है और उसका किस व्यक्ति के साथ कैसा संबंध रहेगा !
'आकृतिविज्ञान' के द्वारा प्रकृति से लेकर प्राणियों तक सभी की आकृतियों के आधार पर उसके भविष्य के विषय में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है !
'समयविज्ञान' के माध्यम से प्रकृति से लेकर प्राणियों तक का अध्ययन करके इस बात का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि प्रकृति में ,प्राणियों में और उनके स्वभावों में किस वर्ष कितने समय के लिए किस विषय से सम्बंधित क्या घटित होगा ?
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मौसम की तरह ही जीवन से संबंधित घटनाओं समस्याओं रोगों मनोरोगों आदि का भी लगाया जा सकता है पूर्वानुमान !
समयविज्ञान के द्वारा लगाया जा सकता है प्रकृति और जीवन में घटित
होनेवाली सभीप्रकार की घटनाओं का पूर्वानुमान !
यह सबसे बड़ा विज्ञान है विश्व का सारा विज्ञान समयविज्ञान के आधीन है !विज्ञान के आधीन होकर वैज्ञानिक लोग अनुसंधान करने के लिए केवल प्रयास ही तो कर सकते हैं किंतु रिसर्च का वह प्रयास सफल ही होगा ऐसा निश्चय कोई कैसे कर सकता है इस विषय का निर्णय समय के आधीन होता है जिसका पूर्वानुमान केवल समयविज्ञान के द्वारा ही लगाया जा सकता है !
संसार में जो कुछ हो चुका है ,जो कुछ हो रहा है या जो कुछ होगा ! ये सभी कुछ समय के आधीन है !प्रकृति और मनुष्य आदि सभी जीव जंतुओं का जीवन साथ साथ चल रहा है जब प्रकृति पीड़ित और परेशान होती है तब जीवन भी परेशान होता है !प्राकृतिक आपदाओं की तरह ही प्राणियों के में रोग रूप में घटित होते हैं!
प्राकृतिक आपदाओं और जीवन से संबंधित समस्याओं का पूर्वानुमान लगाने में असफल है आधुनिकविज्ञान ! जानिए क्यों ?
भविष्य में किस विषय से संबंधित क्या होगा इसे पहले से जान लेना ही तो पूर्वानुमान है !किसी भी विषय में पूर्वानुमान हो जाने से सावधानी बरत कर और सतर्क होकर अपने लिए हानिकर संभावनाओं को कम करने का प्रयास किया जा सकता है उनसे बचने का प्रयास किया जा सकता है !उन्हें सहने के लिए अपने को मानसिक शारीरिक आदि रूप से तैयार किया जा सकता है !
इसी प्रकार से अपने लिए लाभकर संभावनाओं को अत्यंत प्रयासपूर्वक, अधिक से अधिक परिश्रम ,सतर्कता और संसाधनों को लगाकर उस समय का अधिक से अधिक लाभ लेकर अपनी उन्नति की जा सकती है !
पूर्वानुमान की आवश्यकता !
पानी कब बरसेगा ?आँधी कब आएगी ?बाढ़ कब आएगी ?वायु प्रदूषण कब बढ़ेगा ?सर्दी गर्मी वर्षा आदि कब कब कितनी कितनी होगी आदि के विषय में पहले से अनुमान लगा लेना प्रकृति से संबंधित पूर्वानुमान होते हैं !