मौसम
वैदिक वैश्विक मौसमपूर्वानुमान: मार्च - 2020
मार्च के संपूर्ण महीने में देश के अधिकाँश भागों में बादल वर्षा आदि की संभावनाएँ बार बार बनने का अनुमान है | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी का क्रम भी अभी बना रहेगा | मार्च के महीने में इस बार अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक बारिश और बर्फवारी होने की संभावना है | कुछ देशों में बाढ़ जैसा वातावरण बन सकता है इस महीने में भी देश का पूर्वी उत्तरी तथा मध्यभाग वर्षा के वातावरण से प्रायः प्रभावित होता रहेगा | उत्तर भारत में वर्षा बर्फवारी आदि की घटनाएँ अक्सर देखने सुनने को मिलेंगी |
वैदिक मौसम पूर्वानुमान: मार्च - 2020
1और 2 मार्च में कुछ पश्चिमोत्तर प्रदेशों में सामान्य वर्षा होने की संभावना है इन दिनों में तेज हवा एवं आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ भी घटित हो सकती हैं |
3 मार्च को वायु प्रवाह अच्छा रहेगा वर्षा होने संभावना अत्यंत कम है धूप निकलेगी !
4 मार्च को सामान्य बादल और धूप साथ साथ बने रहने का अनुमान है |
5 मार्च को तेज हवा के साथ कुछ क्षेत्रों में सामान्य बारिश भी हो सकती है |
6 , 8 एवं 9 मार्च तक उत्तरप्रदेश बिहार झारखण्ड मध्यप्रदेश उड़ीसा छत्तीसगढ़ आदि कई अन्य प्रदेशों में भी बादल एवं अधिक
वायुप्रदूषण आदि बढ़ने का पूर्वानुमान :फरवरी 2020
फरवरी महीने में वर्षा की संभावना बहुत अधिक नहीं है वायु का प्रवाह बढ़ेगा इसलिए वायुप्रदूषण बढ़ने की संभावना अधिक नहीं है फिर भी जिन क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा कम तथा वायु प्रवाह कम रहेगा उन क्षेत्रों में 1 से 4 फरवरी तक तथा 14 से 18 फरवरी तक वायु प्रदूषण विशेष अधिक बढ़ जाने की संभावना है |
तापमान बढ़ने घटने का पूर्वानुमान !
1 से 8 फरवरी तक तापमान सामान्य बना रहेगा | 9 से 14 फरवरी तक देश के अधिकाँश भागों में तापमान क्रमशः कम होता चला जाएगा !15,16,17 को स्थिर रहेगा !कुछ दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्रों में 15 फरवरी से धूप निकलनी प्रारंभ होगी और तापमान बढ़ने लगेगा जो 20 फरवरी तक ऐसा ही बना रहेगा | 23 फरवरी से तापमान कम होना प्रारंभ होगा ये क्रम 26 फरवरी तक बना रहेगा 27 को तेज धूप निकलनी प्रारंभ होगी और तापमान बढ़ना प्रारंभ हो
वैदिक मौसमपूर्वानुमान :फरवरी - 2020
फरवरी के संपूर्ण महीने में देश के अधिकाँश भागों में बादल वर्षा आदि की संभावनाएँ बनती रहेंगी | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी का क्रम भी अभी बना रहेगा | इस महीने में भी देश का पूर्वी उत्तरी तथा मध्यभाग वर्षा के वातावरण से प्रायः प्रभावित होता रहेगा | उत्तर भारत में वर्षा बर्फवारी आदि की घटनाएँ अक्सर देखने सुनने को मिलेंगी | पूर्वीभारत एवं मध्यभारत में इसकी अपेक्षा वर्षा का प्रभाव कुछ कमजोर रहेगा | दक्षिण भारत में वर्षा संबंधी वातावरण बनने की संभावनाएँ अत्यंत कम हैं, दक्षिण में 10 फरवरी के बाद वर्षा होने संबंधी संभावनाएँ दिनों दिन कमजोर होती चली जाएँगी |
अब विस्तार से -
1,2 और 3 फरवरी को बादल तथा वर्षा आदि की संभावनाएँ अत्यंत कम हैं!1 से 5 फरवरी तक वायु का प्रवाह अच्छा बना रहेगा ! सामान्य बादलों के साथ ही कुछ क्षेत्रों में सामान्य वर्षा
मौसमवैज्ञानिकों का झूठ पकड़ा गया !जानिए कैसे
मौसम वैज्ञानिकों ने मानी हार और स्वीकार किया कि मौसम का पूर्वानुमान लगा पाना उनके वश की बात नहीं है | ऐसी परिस्थिति में प्रश्न उठताहै जनता की खून पसीने की कमाई से प्राप्त टैक्स के पैसे सरकार ऐसे लोगों पर खर्च क्यों करती है जिनके वश का कुछ है ही नहीं !उन लोगों ने भूकंपों के विषय में पहले ही स्वीकार कर लिया था कि पूर्वानुमान लगाना उनके वश की बात नहीं है क्योंकि उसमें हाँ और न में सीधा जवाब देना पड़ता हैइसलिए इसमें झूठ चल नहीं पाता है तथा वर्षा आँधी तूफ़ान आदि में झूठ चल जाता है इसलिए अभी तक उस झूठ का सहारा लेकर मौसम संबंधीभविष्यवाणियाँ की जाती रही हैं जिन्हें सुन सुन कर किसान कृषि कार्यों में नुक्सान उठाते और आत्महत्या करते रहे हैं ऐसे मौसम पूर्वानुमान लगाने केनाम पर मौसम विज्ञान के सञ्चालन में अभी तक जो धन खर्च किया जाता रहा है उसकी पाई पाई और पलपल का हिसाब आखिर कौन देगा !आपस्वयं देखिए see more...https://epaper.livehindustan.com/imageview_484316_46643970_4_1_06-01-2020_8_i_1_sf.html