मौसम
वायु प्रदूषण आदि बढ़ने का पूर्वानुमान :जनवरी 2020
वायु प्रदूषण बढ़ने का पूर्वानुमान-
यद्यपि इस महीने वर्षा की संभावना विशेष अधिक होने के कारण वायुप्रदूषण बढ़ने की संभावना कम है फिर भी जिन क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा कम होगी उन क्षेत्रों में 5,6,7,8 9 जनवरी को एवं 19,20,21,22,23 जनवरी को वायु प्रदूषण विशेष अधिक बढ़ जाएगा |
सर्दी बढ़ने का पूर्वानुमान -
14 से 17 जनवरी तक एवं 26 से 30 जनवरी तक तापमान काफी अधिक गिर जाने के कारण सर्दी काफी अधिक बढ़ जाने की संभावना है |
धूपदर्शन का पूर्वानुमान -
इस जनवरी के महीने में वर्षा की संभावनाएँ अधिक हैं इसलिए धूप के दर्शन कम ही हो पाएँगे जिन क्षेत्रों में ऐसा होगा उनमें भी 3,4,8,9,17,22,23 तारीखों में धूप होने की संभावना है |
उत्पात का पूर्वानुमान-
3,4,5,6,7,8,9एवं 17,18,19,20,21 तारीखों में हिंसक वातावरण बनने का समय है !इन तारीखों में भूकंप,बज्रपात, आंदोलन, उन्माद , संघर्ष, आतंकवादी घटनाएँ, विमानदुर्घटनाएँ, वाहनों का
वैदिक मौसमपूर्वानुमान :जनवरी - 2020
1. जनवरी : सर्दी की मात्रा पहले की अपेक्षा कुछ कम होगी, घना कोहरा रहेगा ,हवा की गति कुछ बढ़ेगी एवं बादलों का आवागमन प्रारंभ होगा तथा हिमाचल आदि पहाड़ी प्रदेशों में बर्फबारी एवं मैदानी क्षेत्रों में सामान्य वर्षा होने की संभावना है |
2. जनवरी:तापमान बढ़ने से सर्दी कुछ और कम होगी ,कोहरा रहेगा एवं बादलों की उपस्थिति बनी रहेगी तथा गुजरात ,राजस्थान ,हरियाणा पंजाब जम्मूकश्मीर हिमाचल आदि कुछ स्थानों पर सामान्य वर्षा होने की संभावना है |
3. जनवरी: कोहरा एवं बादलों की उपस्थिति रहेगी ,तापमान की मात्रा कुछ बढ़ जाने से सर्दी का वेग कुछ और कम होगा | सूर्य भगवान् के दर्शन होंगे तथा धूप निकलेगी |
4.जनवरी :हवा का वेग कुछ बढ़ेगा | असम ,अरुणाचल, कलकत्ता त्रिपुरा ,बिहार, उत्तरप्रदेश,हिमाचल ,दिल्ली , गुजरात आदि में बादल एवं वर्षा की संभावना है कुछ क्षेत्रों में धूप भी निकलेगी |
5.जनवरी :जम्मू कश्मीर हिमाचल आदि में बर्फवारी होगी एवं उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश बिहार आदि में वर्षा होगी | तापमान घटने से सर्दी की मात्रा कुछ बढ़ जाएगी |
6.जनवरी : जम्मू कश्मीर हिमाचल आदि में बर्फवारी होगी एवं उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश बिहार छत्तीसगढ़ आदि देश के अनेकों प्रांतों में वर्षा होने की संभावना है | सर्दी की मात्रा में बढ़ोत्तरी होगी |
7.जनवरी :गुजरात राजस्थान मध्य प्रदेश महाराष्ट्र केरल कर्नाटक आदि भागों में वर्षा होने की संभावना है हवा की गति बढ़ जाने के कारण सर्दी का अनुभव अधिक होगा |
8.जनवरी :उत्तराखंड दिल्ली पंजाब राजस्थान मध्यप्रदेश गुजरात आदि प्रदेशों में वर्षा की संभावना अधिक रहेगी | हवा का प्रवाह रहेगा |
9.जनवरी :भारत के कई प्रदेशों में बादल एवं वर्षा की संभावना है | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी होगी | कोहरा पाला आदि से आसमान आच्छादित रहेगा |
अधिक वर्षा का पूर्वानुमान
वायु प्रदूषण पूर्वानुमान :दिसंबर -2019
वायु प्रदूषण पूर्वानुमान :दिसंबर -2019
इस महीने में 1 से 14 एवं 17 से 25 तारीखों में वायु प्रदूषण 300 से 350 तक रहेगा | इसमें भी 4 से 9 तारीख के बीच वायु प्रदूषण 400 के लगभग रहने की संभावना है | 7,8,9,10,11 एवं 21,22,23,24,25 तारीखों में वायु प्रदूषण बढ़कर 500 के आसपास पहुंचेगा कुछ स्थानों पर 500 से भी अधिक जा सकता है |
विशेष बात -
जिन क्षेत्रों में हवाओं का वेग अधिक होगा या वायु प्रदूषण बढ़ने के समय में वर्षा हो जाएगी ऐसे क्षेत्रों में प्रदूषण दूसरी जगहों की अपेक्षा कम बढ़ेगा !
'ऑडइवन' जरूरी या सरकारों की मजबूरी ! सरकारें आखिर क्या करें ?
वायुप्रदूषण 17 नवंबर से कम होगा !जानिए क्यों ?
वायु प्रदूषण बढ़ने पर सरकारों को कुछ करते तो दिखना होता है अन्यथा यही होगा वायुप्रदूषण को कम करने के लिए सरकारों ने किया क्या ?किंतु इतना सच है कि वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाने में या वायु प्रदूषण बढ़ने का कारण क्या है इसे खोज पाने में वैज्ञानिक पूरी तरह असफल रहे है |पूर्वानुमानों के नाम पर वायुप्रदूषण बढ़ने जैसी सभी प्रकार की मौसम संबंधी घटनाओं में वे वैसी ही आशंका व्यक्त किया करते हैं जैसी आशंकाएँ कोई अजनवी व्यक्ति किया करता है | ऐसी बातें बताने में विज्ञान क्या है और इसमें अनुसंधान क्या है ? सरकारें जिनपर भारी भरकम धनराशि खर्च करती हैं उनके द्वारा किए जाने वाले अनुसंधानों पर भारी भरकम धन खर्च करती हैं आखिर ढुलमुल भविष्यवाणियों के अतिरिक्त उनका जनहित में और दूसरा क्या योगदान है ?
वायुप्रदूषण बढ़ने के लिए वे मौसम वैज्ञानिक जिम्मेदार हैं जो आजतक वायु प्रदूषण बढ़ने के लिए जिम्मेदार वास्तविक कारण नहीं खोज पाए दूसरी बात वायु प्रदूषण संबंधी पूर्वानुमान नहीं खोज पाए कि किन किन तारीखों में वायु प्रदूषण बढ़ता है | ऐसी परिस्थिति में वायु प्रदूषण घटाने के लिए प्रदेश सरकारें आखिर क्या करें ? मौसमवैज्ञानिकों ने जहाँ जहाँ से धुआँ धूल आदि उड़ते देखा उसे ही जिम्मेदार बता दिया इनमें विज्ञान कहाँ है और अनुसंधान क्या है | अनुसंधान के लिए जिम्मेदार लोगों ने केवल आशंका के आधार पर दिवाली पराली वाहनों उद्योगों निर्माण कार्यों आदि से उड़ने वाले धुआँ धूल में उलझा रखा है समाज को |
मैंने दिवाली पराली वाहनों उद्योगों निर्माण कार्यों से उड़ने वाले धुआँ धूल आदि को सम्मिलित किए बिना ही वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाने की एक नई तकनीक खोजी है जिसके आधार पर वायु प्रदूषण से संबंधित पूर्वानुमान सही निकलते हैं ?ऐसी परिस्थिति में ऑडइवन जैसी प्रक्रियाओं से कैसे कम हो जाएगा वायु प्रदूषण ?
मैंने 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं कुछ अन्य मुख्यमंत्रियों पत्रकारों समाज सुधारकों के यहाँ मेल भेजा था जिसमें भविष्यवाणी की थी कि 13 से 16 नवंबर के बीच वायु प्रदूषण बढ़कर 400 से 500 के बीच पहुँचेगा और आज पहुँच गया है 13 नवंबर से ही बढ़ा है और 16 तक ही रहेगा इसके बाद कम होना शुरू हो जाएगा |
ऐसी परिस्थिति में दीवाली के पटाखे, पराली जलाने या वाहनों से निकलने वाले धुएँ को वायुप्रदूषण बढ़ने के लिए कैसे और कितना दोषी माना जा सकता है !क्योंकि यदि ये सच होते तो 31 अक्टूबर को मेरे द्वारा की गई भविष्यवाणी सच नहीं होती वह |
आप स्वयं देखिए वह जीमेल जो 31 अक्टूबर को भेजा गया था -
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'हथिया नक्षत्र' के कारण नहीं आई है बिहार में बाढ़ ! जानिए क्यों ?
बिहार में हुई भीषण बारिश एवं बाढ़ के लिए बिहार के मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने ‘‘हथिया नक्षत्र '' के प्रभाव को जिम्मेदार बताया है |उन्होंने कहा है -"हथिया नक्षत्र में कभी कभी बहुत भयंकर बारिश होती है |" ऐसी परिस्थिति में प्रश्न उठता है कि क्या वास्तव में हथिया नक्षत्र के कारण ही बिहार में भीषण बारिश हुई है या इसका कारण कुछ और ही है |
मैं पिछले लगभग 25 वर्षों से वैदिक विज्ञान के आधार पर मौसम विज्ञान से संबंधित विषयों पर अनुसंधान करता आ रहा हूँ !जिसके आधार
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