प्राकृतिक आपदाओं और जीवन से संबंधित समस्याओं का पूर्वानुमान लगाने में असफल है आधुनिकविज्ञान ! जानिए क्यों ?
भविष्य में किस विषय से संबंधित क्या होगा इसे पहले से जान लेना ही तो पूर्वानुमान है !किसी भी विषय में पूर्वानुमान हो जाने से सावधानी बरत कर और सतर्क होकर अपने लिए हानिकर संभावनाओं को कम करने का प्रयास किया जा सकता है उनसे बचने का प्रयास किया जा सकता है !उन्हें सहने के लिए अपने को मानसिक शारीरिक आदि रूप से तैयार किया जा सकता है !
इसी प्रकार से अपने लिए लाभकर संभावनाओं को अत्यंत प्रयासपूर्वक, अधिक से अधिक परिश्रम ,सतर्कता और संसाधनों को लगाकर उस समय का अधिक से अधिक लाभ लेकर अपनी उन्नति की जा सकती है !
पूर्वानुमान की आवश्यकता !
पानी कब बरसेगा ?आँधी कब आएगी ?बाढ़ कब आएगी ?वायु प्रदूषण कब बढ़ेगा ?सर्दी गर्मी वर्षा आदि कब कब कितनी कितनी होगी आदि के विषय में पहले से अनुमान लगा लेना प्रकृति से संबंधित पूर्वानुमान होते हैं !
मौसमविज्ञानविभाग तो मूर्ख बनाया करता है समाज और सरकार को !
मौसम भविष्यवाणी बताने के नाम पर केवल झूठ ही तो बोला करता है मौसम
विभाग !
आधुनिक विज्ञान के पास किसी भी विषय से संबंधित पूर्वानुमान का पता लगाने का कोई आधार ही नहीं हैं तो वे बेचारे बतावें कैसे !मौसम के विषय में जो वो तीर तुक्के लगाने की कोशिश भी करते हैं वो लोगों को मूर्ख बनाने से ज्यादा कुछ भी यहीं है !जहाँ बादल उठे हुए देखते हैं और उन्हें
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नाम विज्ञान या वर्ण विज्ञान का लाभ कैसे लिया जाए ?
-कुछ लोगों को अक्षर विज्ञान देखकर राशि या राशिफल जैसा भ्रम हो सकता है किंतु इस अक्षर विज्ञान की ऐसे किसी भी विषय से कोई तुलना नहीं है ये तो बहुत बड़ा वैदिक रिसर्च है ! इससे सभी प्रकार के टूटे हुए संबंधों को पुनर्जीवन दिया जा सकता है आप यदि किसी रूठे संबंधी को मनाना चाहतें हैं
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प्रधानमंत्री बनेगा कौन ? राहुल ,नरेंद्रमोदी या कोई और ?
राहुलगाँधी प्रधानमंत्री बन पाएँगे क्या 2019 में ?
'रा' अक्षर से जिनका नाम प्रारंभ होता है उनमें से बहुत कम लोग हैं जो प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जैसे पदों तक अपने बल पर पहुँच पाते हैं !जो पहुँच भी जाते हैं वे किसी दूसरे की कृपा से सहयोग से मजबूरी में या परिस्थिति बस या पार्टी प्रभाव से या किसी सक्षम नेता के रबरस्टैंप बनकर ही पहुँच पाते हैं !रा अक्षर वाले बड़े से बड़े पदों पर पहुँचे लोगों का यही हाल रहा है !इसके अलावा जो पहुँच भी गए उनमें से भी बहुत कम लोग ही उन पदों पर अपना कार्यकाल पूरा कर पाते हैं !ऐसा अक्षरों का प्रभाव है !अब पढ़िए विस्तार से -
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हिंदी केवल भाषा ही नहीं अपितु विज्ञान भी है !
हिंदीविज्ञान को समझ लेने से समाप्त हो सकती हैं जीवन की बहुत बड़ी बड़ी समस्याएँ !
सभी संबंधों के बनने बिगड़ने का पूर्वानुमान हिंदी भाषा के अक्षरों के द्वारा लगाया जा सकता है!संस्कृत और हिंदी भाषा के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा में यह सुविधा संभव नहीं है | संस्कृत सुता हिंदी भाषा होने के साथ साथ विज्ञान भी है इसके वर्णों का भगवान शंकर की डमरू के स्वरों से प्रादुर्भाव हुआ था इसलिए प्रत्येकवर्ण प्राण प्रतिष्ठित एवं सजीव है |
हिंदीविज्ञान में प्रत्येक अक्षर का अलग अलग स्वभाव एवं प्रभाव होता है ! जिस व्यक्ति आदि का नाम जिस अक्षर से प्रारंभ होता है उस व्यक्ति का स्वभाव उस अक्षर की तरह ही बन जाता है !ऐसी परिस्थिति में जिस व्यक्ति से भी जिस स्त्री पुरुष का कोई भी कैसा भी संबंध बन चुका हो या बनना हो वो निभ पाएगा या नहीं और नहीं तो क्यों ? कोई संबंध निर्वाह करना आवश्यक ही हो तो इस बात का भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है कि ऐसे संबंधों को चलाने के लिए किसको